अम्मरपुर में नौनिहालों ने खेल-खेल में सीखी शिक्षा की नई विधाएं
नाग पंचमी पर गतिविधियों के माध्यम से बच्चों ने सीखी संस्कृति और विज्ञान की बातें

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी
जहां एक ओर प्रदेश के बेसिक स्कूलों में नामांकन घटने और शिक्षकों की कमी की चर्चाएं चल रही हैं, वहीं अमेठी के कंपोजिट विद्यालय अम्मरपुर ने शिक्षा के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम की है। यहां खेल-खेल में शिक्षा का मंत्र बच्चों की पढ़ाई को आनंददायक बना रहा है। विद्यालय की गतिविधियां न केवल बच्चों के ज्ञान को समृद्ध कर रही हैं, बल्कि उनमें आत्मविश्वास और सृजनात्मकता भी भर रही हैं।बुधवार को विद्यालय परिसर में ‘आज की गतिविधि’ कार्यक्रम के अंतर्गत कई शैक्षिक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां हुईं। दिन की शुरुआत संगीतमय प्रार्थना सभा से हुई, जिसमें बच्चों की भागीदारी देखने लायक थी।प्रधानाध्यापक अरुण द्विवेदी ने बच्चों को नाग पंचमी का सांस्कृतिक और वैज्ञानिक महत्व समझाया। उनके नेतृत्व में विद्यालय ने नई दिशा पकड़ी है। उनका कहना है कि “शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि गतिविधियों के माध्यम से जीवन से जोड़ना ज़रूरी है।”कार्यक्रम में शिक्षिका पूजा मिश्रा ने बाल वाटिका और कक्षा 1 के बच्चों को ‘शून्य के महत्व’ पर एक रोचक गतिविधि करवाई। वहीं शिक्षक अभिषेक पटेल ने बच्चों को राष्ट्रीय प्रतीकों की जानकारी दी और कविता ‘आलूराम से हो गई भूल’ का अभिनय प्रदर्शन कराया, जिससे बच्चों में भाषा के प्रति रुचि जागी।वरिष्ठ शिक्षक उज्जवल सिंह ने अंग्रेजी के क्रियात्मक शब्दों (verbs) को गतिविधि के माध्यम से समझाकर बच्चों को भाषा के प्रयोग से जोड़ा।इस मौके पर खंड शिक्षा अधिकारी शशांक मिश्र ने विद्यालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा,“अमरपुर विद्यालय का प्रदर्शन पूरे विकासखंड के लिए प्रेरणास्रोत है। ‘आज की गतिविधि’ जैसे कार्यक्रमों से शिक्षा में रुचि और गहराई दोनों बढ़ रही हैं।”कार्यक्रम में शिक्षक मुन्नू वर्मा, शकुंतला, प्रीती सिंह, ज्योति पटेल, आरती सहित समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।विद्यालय के बच्चे हर साल राष्ट्रीय आविष्कार अभियान, आय आधारित परीक्षा जैसी प्रतियोगिताओं में अपना स्थान बनाते हैं। वर्तमान प्रधानाध्यापक के नेतृत्व में विद्यालय में सकारात्मक बदलाव स्पष्ट नजर आने लगे हैं।