400 मीटर रास्ते ने रोका विकास, ग्रामीण खुद कर रहे मरम्मत

सरैया कुर्मियान के लोगों ने प्रधान की उदासीनता से परेशान होकर उठाया फावड़ा

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी

विकासखंड संग्रामपुर की ग्राम पंचायत सरैया कनू के मजरे पूरे दुबान (सरैया कुर्मियान) में ग्रामीणों को वर्षों से जर्जर रास्ते की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। गांव का संपर्क मार्ग इतना संकरा और खराब है कि न तो कोई चार पहिया वाहन पहुंच सकता है और न ही इमरजेंसी में एम्बुलेंस।गांव में सब्जी उगाकर बाजार में बेचने वाले किसान रोजाना परेशानी झेल रहे हैं। बरसात में रास्ता कीचड़ और गड्ढों से भर जाता है। हालत यह है कि गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस गांव के बाहर ही खड़ी करनी पड़ती है।

ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत चुनाव में उन्होंने सोच-समझकर प्रधान चुना था, लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी कोई ठोस काम नहीं हुआ। जब प्रधान से रास्ते की मरम्मत की बात की गई तो जवाब मिला कि “पंचायत में बजट नहीं है।”प्रधान की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों ने अब खुद ही रास्ता ठीक करने का बीड़ा उठा लिया है। श्रमदान कर मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया गया है।ग्रामीण सीताराम वर्मा ने कहा, “हम किसान हैं, रोज़गार इसी रास्ते से जुड़ा है।”उदय राज बोले, “सिर्फ 400 मीटर का रास्ता है, फिर भी सरकार और प्रधान की नजर नहीं जा रही।”भोला देवी ने बताया कि “गर्भवती महिलाओं को पैदल अस्पताल ले जाना पड़ता है, जो बेहद खतरनाक है।ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में मनरेगा के तहत कागजों पर काम दिखाया गया, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और है। गांव की गलियों में चलना भी मुश्किल हो गया है।राम जब वर्मा ने कहा, “सरकार की योजनाएं सिर्फ रिकॉर्ड में चल रही हैं, ज़मीन पर नहीं।”ग्राम विकास अधिकारी का कहना है कि रास्ते की मरम्मत की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।

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