अभी भी अंधेरे में जी रहे मड़ौली के कई परिवार, आज़ादी के बाद भी नहीं पहुंची बिजली

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी
जहां एक ओर सरकार हर घर तक बिजली पहुंचाने के दावे कर रही है, वहीं संग्रामपुर विकासखंड के मड़ौली गांव में आज भी आधा दर्जन से अधिक परिवार ऐसे हैं जिनके घरों में कभी बिजली नहीं पहुंची।इन परिवारों की हालत ऐसी है कि बच्चों की पढ़ाई से लेकर मोबाइल चार्जिंग और खाना बनाने तक के लिए इन्हें दिन के उजाले पर निर्भर रहना पड़ता है। शाम होते ही अंधेरा पूरे घर को घेर लेता है, जिससे न सिर्फ परेशानी बढ़ती है बल्कि जंगली जानवरों और जहरीले जीवों का भी डर बना रहता है।
बिजली विभाग को कई बार दी गई सूचना
गांव के रामसेवक, अनिल कुमार, पवन, सुनील, राधेश्याम और दीनानाथ के परिवारों का कहना है कि कई बार बिजली विभाग और ग्राम पंचायत से संपर्क किया गया, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। रीता तिवारी बताती हैं कि 20 साल से गांव में रह रही हूं, पर अब तक बिजली का खंभा भी नहीं लगा।
“अब तो लालटेन और मिट्टी का तेल भी नहीं मिलता”
ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि पहले लालटेन और मिट्टी के तेल से किसी तरह काम चल जाता था, लेकिन अब वह भी नहीं मिल पा रहा है। बबीता कहती हैं कि “हम बच्चों के संग घर में रहते हैं, लेकिन बिजली न होने से पढ़ाई, घरेलू काम और सुरक्षा तीनों में दिक्कत होती है।”यशोदा देवी बताती हैं कि “अगर मिट्टी का तेल मिलता होता, तो बिजली की इतनी जरुरत महसूस न होती। अब तो एक सोलर लाइट तक नहीं लगाई गई है।”
रात में खतरा बना रहता है
गांव की महिलाओं ने बताया कि रात के अंधेरे में शौच के लिए निकलना भी खतरनाक हो जाता है। सांप-बिच्छू और अन्य जहरीले जीवों का डर बना रहता है।
“सरकार तक पहुंचे हमारी आवाज़”
गांव वालों ने प्रशासन और बिजली विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द उनके घरों तक बिजली पहुंचाई जाए। ग्रामीणों का कहना है कि अब वे मीडिया के माध्यम से अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं, ताकि उन्हें भी ‘हर घर बिजली’ योजना का लाभ मिल सके।