. “रसूखदारों के सामने बेबस पुलिस? पट्टी गोलीकांड में ‘स्क्रिप्टेड’ गिरफ्तारी का आरोप”

"ऑपरेशन लंगड़ा नहीं, अब सिस्टम लंगड़ा – पुलिस की कार्यशैली पर उठे सवाल"

गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी

पट्टी गोलीकांड मामले में फरार चल रहे आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस के तौर-तरीकों पर अब आमजन ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। जिस तरह से पुलिस एक-एक कर आरोपियों को पकड़ने का नाटक कर रही है, उससे उसकी निष्पक्षता और कार्यप्रणाली पर संदेह खड़ा हो गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस जब ककरहा और करैला बाजार में मामूली चोरों या बकरी उठाने वाले बदमाशों से मुठभेड़ कर उन्हें “ऑपरेशन लंगड़ा” में ढेर कर सकती है, तो दिनदहाड़े कानून को खुली चुनौती देने वाले रसूखदार आरोपियों को पकड़ने में इतनी ढिलाई क्यों?

पूर्व नियोजित लग रही गिरफ्तारी

स्थानीय जनप्रतिनिधि और बुद्धिजीवी वर्ग इसे “पूर्व नियोजित गिरफ्तारी” का नाम दे रहे हैं। उनका कहना है कि आरोपियों  की गिरफ्तारी जिस तरह हुई, वह सवालों के घेरे में है।  आरोपी बिपिन पाण्डेय और शिवम्पु  पाण्डेय की गिरफ़्तारी के समय का वायरल वीडिओ पुलिसिया लाचारी का जीता जागता सबूत है। प्रतापगढ़ पुलिस कप्तान की रणनीति और नीयत पर अब दबी जुबान नहीं, बल्कि खुलकर चर्चाएं हो रही हैं।

जगन्नाथ की तहरीर पर दर्ज हुआ केस

वहीं, औराइन निवासी जगन्नाथ विश्वकर्मा द्वारा दी गई तहरीर पर भी कार्रवाई शुरू हुई है। जगन्नाथ ने 21 जुलाई को डीएम और एसपी को शिकायती पत्र सौंपते हुए आरोप लगाया कि वह अपनी जमीन का बैनामा अकारीपर के बजेश तिवारी के नाम करना चाहता था, लेकिन गांव के ही विपिन पांडेय व शिवम पांडेय ने 19 जुलाई को रजिस्ट्री ऑफिस पहुंचकर उसे धमकाया।जगन्नाथ का आरोप है कि 20 जुलाई को दोनों युवक उसके घर पहुंचे और जान से मारने की धमकी देते हुए तमंचा तान दिया। कहा गया कि यदि उसने जमीन का बैनामा किया, तो अंजाम भुगतना होगा।इस प्रकरण में पुलिस ने दोनों युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने गुरुवार को भी जगन्नाथ की सुरक्षा में पुलिसकर्मियों की तैनाती की।

“ऑपरेशन लंगड़ा नहीं, सिस्टम लंगड़ा”

लोगों का कहना है कि अगर पुलिस निष्पक्षता से काम करे, तो कोई भी अपराधी कानून से बच नहीं सकता। लेकिन यहां तो चर्चा यह होने लगी है कि जब आरोपी रसूखदार होता है, तब “ऑपरेशन लंगड़ा” नहीं, बल्कि प्रशासन और सिस्टम ही लंगड़ा हो जाता है।अभी तक जिस तरह की कार्रवाई सामने आई है, उससे यही प्रतीत होता है कि मामले की गंभीरता के बावजूद पुलिस महज दिखावा कर रही है। यदि समय रहते कठोर और पारदर्शी कदम नहीं उठाए गए, तो आमजन का कानून व्यवस्था से भरोसा उठना तय है।

Related Articles

Back to top button