“करोड़ों खर्च, पानी गायब: पत्थर के सहारे ‘जल’ योजना की सच्चाई”

गाँव लहरिया न्यूज़,संग्रामपुर (अमेठी)। केंद्र सरकार की बहुप्रचारित जल जीवन मिशन योजना की जमीनी हकीकत अमेठी जिले के संग्रामपुर विकासखंड के मड़ौली गांव में उजागर हुई है। इस गांव में न तो नल कनेक्शन ठीक से दिए गए हैं, न ही पाइपलाइन का काम पूरा हुआ है। हद तो तब हो गई जब एक घर के बाहर टोंटी की जगह केवल पाइप को पत्थर के सहारे खड़ा कर दिया गया और उसकी फोटो खींचकर कार्य को “पूरा” दिखा दिया गया।ग्रामीण राममूर्ति पांडेय का कहना है कि उनके पुरवे में अब तक नल की टोटी तो दूर, पाइपलाइन तक नहीं पहुंचाई गई है। संतराम मिश्रा ने कहा कि “यह विभाग पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। अधिकारी सिर्फ कागजों पर काम दिखा रहे हैं, जमीन पर कुछ नहीं हो रहा।”

टंकी बनी, पानी नहीं आया,फोटो खींचकर दिखा रहे पूरा काम

गांव के ही विजय कुमार ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी तो तैयार हो गई है, लेकिन उससे जुड़े पाइपलाइन का काम अभी तक अधूरा पड़ा है। पाइपलाइन न होने के कारण टंकी का पानी गांव में नहीं पहुंच पा रहा है।अमित तिवारी, अनिल, राधेश्याम, पवन और रामसेवक ने बताया कि उनके यहां केवल एक सीमेंट के पत्थर पर पाइप खड़ा कर दिया गया है। अधिकारियों ने उसकी फोटो ली और यह दिखा दिया कि नल कनेक्शन दे दिया गया है। जबकि हकीकत यह है कि वह पाइप वहीं का वहीं आज भी धूल फांक रहा है।

करोड़ों खर्च, लेकिन पानी से महरूम गांव

गौरतलब है कि जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर ग्रामीण घर तक 2024 तक नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य था। लेकिन मड़ौली गांव जैसे अनेक स्थानों पर यह योजना भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण दम तोड़ती नजर आ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन पानी अभी भी एक सपना बना हुआ है।

प्रशासनिक मौन पर सवाल

ग्रामीणों का कहना है कि सरकार इस योजना की प्रगति को लेकर सख्ती नहीं दिखा रही है, जिससे जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों की मनमानी चरम पर है। लोगों ने मांग की है कि इस घोटाले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

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