धम्मौर: निर्मल और स्वच्छ मन वाले को ही मिलता है भगवान का आशीर्वाद
राम जन्मोत्सव की झांकी ने मोहा मन, भांटी गांव में श्रीराम कथा के तीसरे दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

गाँव लहरिया न्यूज़ /धम्मौर
विकासखंड धम्मौर के भांटी गांव में चल रही सप्तदिवसीय श्रीराम कथा के तीसरे दिन कथा वाचक आचार्य संतोष जी महाराज ने भगवान श्रीराम के जन्म उत्सव का मार्मिक प्रसंग प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जब धरती पर अधर्म बढ़ जाता है, तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होते हैं। भगवान सर्वत्र व्याप्त हैं, उन्हें प्राप्त करने के लिए निर्मल मन और सच्ची भावना आवश्यक है।कथा वाचक ने राम जन्मोत्सव के महत्व को रेखांकित करते हुए बताया कि भगवान का दर्शन उसी को होता है जिसका मन स्वच्छ और श्रद्धा से परिपूर्ण हो। कथा स्थल को रंग-बिरंगे गुब्बारों और आकर्षक सजावट से सजाया गया था। इस अवसर पर राम जन्मोत्सव की मनमोहक झांकी भी प्रस्तुत की गई, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।आचार्य संतोष जी ने मनुष्य की चार प्रवृत्तियों की चर्चा करते हुए कहा कि पहला ‘नर राक्षस’ होता है जो सदैव दूसरों को हानि पहुँचाता है। दूसरा ‘नर पशु’ होता है जो जीवन यापन तो करता है, लेकिन विवेक और संवेदना से रहित होता है। तीसरा ‘सामान्य नर’ होता है जिसमें अच्छे संस्कार होते हैं, और चौथा वह होता है जो परोपकार, धर्म और समाज की चिंता करता है।उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आधुनिक सभ्यता के प्रभाव में भटक रही पीढ़ी के लिए श्रीराम की मर्यादा और आदर्शों की कथा सुनना अत्यंत आवश्यक है, जिससे वे जीवन का सही मार्ग चुन सकें।कथा के तीसरे दिन मुख्य यजमान प्रधानाचार्य राम प्रकाश सिंह सपरिवार उपस्थित रहे। क्षेत्रवासियों और समाज के कई सम्मानित जनों ने भी इस मर्यादापूर्ण आयोजन में भाग लिया और श्रीराम कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित किया।