पीली नदी की सफाई में भ्रष्टाचार का आरोप, ग्रामीणों ने रोका JCB से काम
गांव गोंसपुर में सफाई कार्य को लेकर उठे सवाल, जिम्मेदारों पर खानापूर्ति का आरोप

गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़
प्रतापगढ़ जिले से निकलकर सुल्तानपुर में बहने वाली जीवनदायिनी पीली नदी की सफाई में भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ग्राम सभा गोंसपुर में चल रही नदी की सफाई को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने नाराज़गी जताई और कहा कि यह काम सिर्फ कागज़ों पर हो रहा है।ग्रामीणों के अनुसार, सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जब यह मामला सामने आया तो ग्राम प्रधान विष्णु दत्त तिवारी, ग्राम सभा सदस्य लाल प्रताप सिंह, कोटेदार अनिरुद्ध सिंह और मनीष तिवारी मौके पर पहुंचे और JCB मशीन से चल रहे कार्य को रोक दिया।उन्होंने ठेकेदार और सिंचाई विभाग के अधिकारी को बुलाने की मांग की और स्पष्ट किया कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी उपस्थित नहीं होंगे, तब तक सफाई का काम नहीं होने दिया जाएगा। उनका कहना था कि बगैर मानक और निगरानी के हो रहा कार्य पूरी तरह दिखावटी है।ग्रामवासियों ने यह भी कहा कि पीली नदी, जो कभी गांवों के लिए जल का प्रमुख स्रोत हुआ करती थी, आज पानी की कमी और प्रशासनिक लापरवाही के कारण अस्तित्व संकट में है। यदि समय रहते उचित सफाई और संरक्षण नहीं हुआ, तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
पीली नदी का महत्व
यह नदी मुरैनी ताल (प्रतापगढ़) से निकलती है और सुल्तानपुर जिले में बहती है। यह कई गांवों के लिए सिंचाई और पेयजल का स्रोत है। वर्षों की उपेक्षा और जलस्रोतों की अनदेखी के कारण अब यह नदी सिकुड़ती जा रही है।ग्रामीणों ने मांग की है कि साफ-सुथरे और पारदर्शी तरीके से नदी की सफाई कराई जाए, ताकि इसका अस्तित्व बचा रहे और भविष्य में पानी की किल्लत न हो।