ग्राम चौपालें हो रही मूल उद्देश्य से विमुख, अधिकारियों की गैरहाजिरी बनी चिंता का कारण

गाँव लहरिया न्यूज़,संग्रामपुर/अमेठी
शासन द्वारा ग्रामीण समस्याओं के त्वरित समाधान और विभागीय समन्वय हेतु संचालित ग्राम चौपाल कार्यक्रम अपने उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा है। हर शुक्रवार को आयोजित होने वाली इन चौपालों में विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति कार्यक्रम की प्रभावशीलता पर प्रश्नचिह्न लगा रही है।हाल ही में शुकुलपुर और गूजीपुर ग्राम पंचायतों में आयोजित चौपाल में केवल खंड विकास विभाग के अधिकारी ही मौजूद रहे। कृषि, पशुपालन, राजस्व, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास, समाज कल्याण एवं बिजली विभाग जैसे अहम विभागों के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे।खंड विकास अधिकारी शिवपूजन भारतीया, ग्राम विकास अधिकारी धर्मेंद्र पटेल और पंचायत सहायक ने शुकुलपुर में भाग लिया, परंतु स्थानीय ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि समस्याओं का समाधान केवल बीडीओ कार्यालय से संभव नहीं है। ग्राम सभा शुकुलपुर के प्रधान प्रतिनिधि ने मांग की कि शासन स्तर पर सभी विभागों की जवाबदेही तय की जाए।वहीं, गूजीपुर ग्राम सभा के प्रधान प्रतिनिधि अरविंद कुमार पांडे ने कहा कि चौपाल तभी सार्थक होगी जब कृषि, बिजली, रसद, स्वास्थ्य, शिक्षा और विशेष रूप से राजस्व विभाग के अधिकारी नियमित रूप से उपस्थित रहें।ब्लॉक स्तर पर की गई जांच में भी यह सामने आया है कि अधिकांश चौपालों में अन्य विभागों की उपस्थिति न के बराबर है। ऐसे में सवाल उठता है कि यदि विभागीय समन्वय और जनसमस्याओं का समाधान ही नहीं हो पा रहा, तो चौपाल का औचित्य क्या रह जाता है?ग्रामीणों ने शासन से मांग की है कि ग्राम चौपालों को प्रभावी बनाने के लिए सभी विभागों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए और अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए।