वेंटिलेटर खाली थे…’नो बेड’ कहकर लौटाते रहे डॉक्टर, दो मरीजो की मौत
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, यहां केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट में वेंटिलेटर खाली थे, लेकिन डॉक्टरों ने नहीं दिए, इस वजह से दो मरीजों की मौत हो गई..
गाँव लहरिया न्यूज /लखनऊ
लखनऊ के केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के क्रिटिकल केयर यूनिट के डॉक्टरों पर दो महिला मरीजों की मौत के मामले में लापरवाही का आरोप लगा है, अप्दोक्नोंप बता दे कि मरीज ट्रॉमा में भर्ती थीं और उनकी सांस एंबुबैग के सहारे चल रही थी,
तीमारदार पांचवें तल पर वेंटिलेटर के लिए दौड़ लगाते रहे, मगर नहीं मिला, तीमारदारों का आरोप है कि विभाग में वेंटिलेटर खाली होने के बाद भी मुहैया नहीं कराया गया, इंदिरानगर की रहने वाली मनभावती (40) किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित थीं, उनका इलाज केजीएमयू से चल रहा था,
हालत गंभीर होने पर पति ने उन्हें सोमवार को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया था, जांच में क्रिटनिन लेवल काफी बढ़ा पाया गया, मनभावती बेहोशी की हालत में पहुंच गईं, ट्रॉमा सेंटर के ट्रायज एरिया में मौजूद डॉक्टरों की टीम ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत बताई, रेफरल लेटर बनाकर ट्रॉमा के पांचवें व तीसरे तल की वेंटिलेटर यूनिट में भेजा,
पति अशोक का कहना है कि तीसरे तल की यूनिट में कोई भी बेड खाली नहीं था, वहीं, पांचवें तल पर चार बेड खाली पड़े थे, वहां कई बार रेफरल लेटर लेकर गए, मगर हर बार खाली नहीं होने की बात कहकर वापस कर दिया गया, मनभावती तीन दिन तक ट्रॉयज एरिया में एंबुबैग के सहारे पड़ी रहीं, बृहस्पतिवार देर रात उनकी मौत हो गई, पति ने पांचवें तल पर स्थित क्रिटिकल केयर यूनिट पर गंभीर आरोप लगाए हैं,
36 घंटे तक किया इंतजार, लौटाते रहे डॉक्टर