पट्टी नगर के कुम्हिया निवासी अधिवक्ता शिवम् सिंह की चिट्ठी से बदली तस्वीर…………45 दिन में दाखिल-खारिज अनिवार्य

DM और मंडलायुक्त होंगे जिम्मेदार, हाईकोर्ट की फटकार के बाद शासन का बड़ा फैसला

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी

इलाहाबाद हाईकोर्ट की कड़ी फटकार और पट्टी के अधिवक्ता शिवम् सिंह की पहल के बाद यूपी सरकार ने दाखिल-खारिज प्रक्रिया पर ऐतिहासिक फैसला लिया है। अब गैर-विवादित मामलों में 45 दिन और विवादित मामलों में 90 दिन में नामांतरण (Mutation) पूरा करना अनिवार्य होगा ।

हाईकोर्ट की नाराजगी का असर

दाखिल-खारिज मामलों में लगातार हो रही देरी पर लखनऊ खंडपीठ ने जताई नाराजगीपट्टी के कुम्हिया निवासी अधिवक्ता शिवम् सिंह ने उच्चतम न्यायालय को लिखा था पत्र

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 शासन का सख्त फरमान

प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरुप्रसाद ने सभी मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को जारी किए सख्त निर्देश –

1- 45 दिन में गैर-विवादित दाखिल-खारिज अनिवार्य

2- 90 दिन में विवादित मामलों का निस्तारण

3- प्रार्थना पत्र लटकाने वालों पर सख्त कार्रवाई

4- RCCMS पोर्टल पर लंबित प्रार्थना पत्रों का अनिवार्य पंजीकरण

5- लापरवाही पर DM और मंडलायुक्त होंगे जिम्मेदार

6- समीक्षा और सख्ती

मंडलायुक्त और जिलाधिकारी तहसीलवार लंबित मामलों की दैनिक समीक्षा करेंगे।ज्ञात हो कि इन आदेशों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों पर राजस्व परिषद को दंडात्मक प्रस्ताव भेजे जाएंगे ।

क्यों जरूरी है दाखिल-खारिज?

जमीन की बिक्री, दान या उत्तराधिकार के बाद नए मालिक का नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करना और पुराने का नाम हटाना ही दाखिल-खारिज है। इससे स्वामित्व स्पष्ट होता है और राजस्व रिकॉर्ड अद्यतन रहता है।

चहुं ओर हो रही प्रशंसा, आम जनता को मिलेगी भारी राहत

पट्टी नगर के निवासी हाईकोर्ट के अधिवक्ता एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय से विधि स्नातक में गोल्डमेडलिस्ट शिवम् सिंह के इस भागीरथ प्रयास की चहुंओर प्रशंसा की जा रही है । इस नई व्यवस्था से पूरे प्रदेश में लाखों लोगों को फायदा होगा और महीनों की दौड़-भाग खत्म होगी ।

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