प्रतापगढ़ के अर्पित शुक्ला ने रचा इतिहास, तीन विश्व रिकॉर्ड के साथ 19 भाषाओं में प्रकाशित की पुस्तकें

गाँव लहरिया न्यूज़ डेस्क/ प्रतापगढ़

जिले के युवा साहित्यकार अर्पित शुक्ला, जिन्हें साहित्यिक पहचान “अर्पित सर्वेश” के नाम से मिली है, ने अपनी उपलब्धियों से जनपद ही नहीं, बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है। मात्र 21 वर्ष की उम्र में उन्होंने जो कारनामे किए हैं, वे हर युवा के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।अर्पित अब तक 25 पुस्तकों का लेखन कर चुके हैं, जिनमें से दो पुस्तकों में उन्होंने संकलनकर्ता की भूमिका निभाई है। इसके अतिरिक्त उनकी 150 से अधिक कविताएं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व संकलनों में प्रकाशित हो चुकी हैं।इंटरनेशनल आइकन अवॉर्ड 2024 से सम्मानित अर्पित ने अब तक तीन विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

पहला रिकॉर्ड — 21 वर्ष की आयु में 15 विदेशी भाषाओं में एक ही दिन पुस्तक प्रकाशित करने वाले विश्व के पहले व्यक्ति बनकर।

दूसरा रिकॉर्ड — अपनी कविता के लिए विशेष अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त कर।

तीसरा रिकॉर्ड — कुर्दिश भाषा में पुस्तक प्रकाशित करने वाले पहले भारतीय के रूप में।

 

अर्पित की पुस्तकें अब तक 19 भाषाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं। वे अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व दादा जी को देते हैं। अर्पित का कहना है कि “परिवार के आशीर्वाद और विश्वास ने ही उन्हें यह मुकाम दिलाया है।”स्थानीय स्तर पर भी अर्पित की सफलता की जमकर सराहना हो रही है। उनके गांव व क्षेत्र के लोग खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। एक ओर जहां देश के कई युवा दिशाहीन हैं, वहीं अर्पित जैसे युवाओं ने यह सिद्ध कर दिया है कि प्रतिभा उम्र या संसाधनों की मोहताज नहीं होती।

 

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