पट्टी तहसील में फैली भारी अनियमितता, भ्रष्टाचार एवं लापरवाही संबंधी जनहित याचिका स्वीकार

गाँव लहरिया न्यूज़ डेस्क/लखनऊ

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने शिवम सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य व अन्य जनहित याचिका (PIL संख्या – 618/2025) की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार सहित प्रमुख सचिव राजस्व, जिलाधिकारी प्रतापगढ़ एवं उपजिलाधिकारी पट्टी को निर्देश दिया है कि वह चार सप्ताह के भीतर याचिका में उठाए गए मुद्दों पर अपना-अपना व्यक्तिगत काउंटर हलफनामा (counter affidavit) दाखिल करे ।न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार गिरी की खंडपीठ ने मामले को गंभीर मानते हुए यह भी स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता की ओर से पुनरुत्तर हलफनामा (rejoinder affidavit) दाखिल करना हो, तो वह काउंटर हलफनामे के बाद दो सप्ताह के भीतर किया जा सकता है ।इसके अतिरिक्त, पीठ ने प्रतिवादी संख्या 2 के विवरण में संशोधन करते हुए स्पष्ट किया कि याचिका में “District Magistrate” के स्थान पर “Collector” शब्द का प्रयोग किया जाए।

न्यायालय ने आगे की सुनवाई के लिए मामले को आगामी तिथि पर सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया है।यह जनहित याचिका पट्टी नगर के निवासी एवं हाईकोर्ट के अधिवक्ता वीर शिवम् सिंह द्वारा तहसील प्रशासन पट्टी में व्याप्त भारी अनियमितता, लापरवाही और भ्रष्टाचार से संबंधित गंभीर विषय को लेकर दाखिल की गई है । शीर्ष अदालत की सक्रियता से स्पष्ट है कि मामला प्रशासनिक जवाबदेही से जुड़ा हुआ है, तथा विधिक जानकारों का मानना है कि उक्त जनहित याचिका के परिणामस्वरूप तहसील पट्टी एवं जनपद समेत पूरे प्रदेश के प्रशासनिक अमले पर गाज गिरना लगभग तय है ।

उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने भी लिया है संज्ञान

ज्ञात हो कि उक्त मामले में शिवम् सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को भी पत्र लिखा था जिस पर संज्ञान ले कर उन्होंने इसे जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश किया था ।

Related Articles

Back to top button