बिजली संकट से जूझ रहा उत्तर प्रदेश, जाने कब से सुधरेगी व्यवस्था ?

उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिजली संकट गहरा गया है। वार्षिक मरम्मत के कारण और अचानक कई यूनिटों में खामियां आने से ग्रामीण इलाके में लगभग पांच से आठ घंटे की कटौती हो रही है।

गाँव लहरिया न्यूज/डेस्क

उत्तर प्रदेश में इन दिनों बिजली संकट गहरा गया है। वार्षिक मरम्मत के कारण और अचानक कई यूनिटों में खामियां आने से ग्रामीण इलाके में लगभग पांच से लेकर आठ घंटे की कटौती हो रही है। सिक्किम समेत कई अन्य राज्यों में विद्युत उत्पादन प्रभावित होने की के कारण एक्सचेंज पर भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही है। इस परिस्थिति में अभी कम से कम पांच दिन और बिजली कटौती झेलनी पड़ सकती है।

इसलिए हो रही कटौती

हर वर्ष अक्टूबर माह में बिजली उत्पादन इकाइयों की मरम्मत सहित अन्य कार्य प्रदेश में होते हैं। इसी के चलते छह यूनिटों से उत्पादन बंद किया गया है।इस वजह से करीब 1421 यूनिट उत्पादन कम हुआ है। लेकिन सोमवार को अचानक छह अन्य यूनिटों में भी तकनीकी और अन्य कई तरह की खामियां आ गई। जिस वजह से 1633 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो गया। अब तक प्रदेश में कुल 3054 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो गया। प्रदेश में उमस बढ़ने की वजह से खपत का ग्राफ भी बढ़ने लगा। बता दें कि प्रदेश में पीक डिमांड 23500 मेगावाट पहुंच गई और उपलब्धता 20 हजार मेगावाट के आसपास रही। जिसके चलते करीब 3500 मेगावाट की कटौती करनी पड़ी। हालांकि मंगलवार को आई तकनीकी खराबी से बंद हुई चार यूनिटें ठीक हो गई। लेकिन अभी बारा की 660 और टांडा की 660 मेगावाट की एक-एक यूनिट पर उत्पादन बंद है। वार्षिक मरम्मत वाली यूनिटें अभी लंबे समय तक बंद रहेंगी। जिसके कारण लोगों को बिजली कटौती झेलनी पड़ेगी।

कब तक मिलेगी राहत

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डा. आशीष कुमार गोयल ने कहा कि कुछ यूनिटों को निर्धारित प्रक्रिया के तहत बंद कर दी गई हैं। और कुछ अचानक से बंद हो गई हैं। मौसम में गर्मी बढ़ने और सिक्किम में बादल फटने की वजह से संकट बढ़ गया है। बुधवार तक बिजली का संकट कम हो जाएगा। कोशिश है कि यूजर्स को ज्यादा समस्या का सामना ना करना पड़े।

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