आज है धनतेरस न खरीद पाएं सोना-चांदी तो कर लें काम, प्रसन्‍न होंगी धन लक्ष्‍मी

गाँव लहरिया न्यूज/डेस्क 

धनतेरस  इस साल 10 नवंबर को पड़ रहा है. इस दिन‍ को धन त्रयोदशी और धन्‍वंतरि जयंती के तौर पर भी जाना जाता है. धनतरेस के दिन से ही दिवाली  के पंच दिवसीय त्‍योहार की शुरुआत होती है. धनतेरस के दिन सोने-चांदी की खरीददारी करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्‍यता है कि इन चीजों को खरीदने से घर में बरकत आती है और समृद्धि बनी रहती है. लेकिन अगर आपका बजट सोने-चांदी की चीजें खरीदने की इजाजत नहीं देता, तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं. ऐसी 7 चीजें हैं, जो माता लक्ष्‍मी को अति प्रिय हैं. अगर आप धन त्रयोदशी के दिन इन चीजों को घर में लेकर आते हैं, तो धन लक्ष्‍मी आप पर बेहद प्रसन्‍न रहेंगी और आपके घर में समृद्धि हमेशा बरकरार रहेगी.

झाडू

झाड़ू को मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है क्‍योंकि झाड़ू घर की गंदगी को बाहर निकालती है. गंदगी का दरिद्रता माना गया है. ऐसे में झाडू़ को पूज्‍यनीय माना जाता है. यही वजह है कि झाड़ू में पैर लगाने से मना किया जाता है. धनतेरस के दिन लोग झाड़ू को घर में लेकर आते हैं और इसी झाड़ू से नरक चतुर्दशी के दिन घर की गंदगी को साफ करते हैं और दिवाली के दिन माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारी करते हैं.

गोमती चक्र

गोमती चक्र मां लक्ष्मी को बेहद प्रिय है. धनतेरस के दिन गोमती चक्र खरीदकर लाएं और दिवाली की रात को जब माता लक्ष्‍मी का पूजन करें, तो गोमती चक्र की भी पूजा करें. बाद में इसे धन की तिजोरी में रख दें. मान्यता है कि इससे आपका धन स्थान हमेशा रपए-पैसों से भरा रहता है.

धनिया के बीज

धनतेरस के दिन धनिया के बीज लाना भी काफी शुभ माना जाता है. इन बीजों को दिवाली की रात को माता लक्ष्‍मी को समर्पित करें और बाद में इसे गमले, बगीचे वगैरह में कहीं बो दें. ये धनिया के बीज आपके घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली लेकर आएगें.

पीतल के बर्तन
आजकल लोग धनतेरस के दिन स्‍टील के बर्तन खरीदते हैं, लेकिन इसे नहीं खरीदना चाहिए. इस दिन पीतल के बर्तन खरीदना शुभ होता है. कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय जब भगवान धन्‍वं‍तरि प्रकट हुए तो उनके हाथ में पीतल का पात्र था. धनतेरस के दिन पीतल बर्तन लाने से घर में बरकत होती है.

शंख
शंख माता लक्ष्‍मी और नारायण दोनों को ही प्रिय है. धनतेरस के दिन आप घर में शंख खरीदकर लाएं. इसे काफी शुभ माना जाता है. दिवाली के दिन माता लक्ष्‍मी की पूजा के साथ इस शंख की भी पूजा करें.

चावल
धनतेरस के दिन घर में थोड़े चावल खरीदकर लाएं. चावल को समृद्धि का प्रतीक माना गया है. धनतेरस के दिन घर में थोड़े चावल जरूर लेकर आएं. दिवाली के दिन इन चावलों का इस्‍तेमाल माता लक्ष्‍मी की पूजा में करें. बाद में थोड़े से चावल एक छोटी सी पोटली में बांधकर तिजोरी में रख दें. चढ़े हुए थोड़े चावल को घर के अनाज में मिला दें. इससे आपके घर में समृद्धि बनी रहेगी. लेकिन ध्‍यान रहे कि चावल टूटा हुआ न लाएं, साबुत ही लाएं.

गणेश-लक्ष्‍मी
दिवाली पर गणेश-लक्ष्‍मी का पूजन होता है. आप धनतेरस के दिन गणेश-लक्ष्‍मी की मूर्ति घर में लेकर आएं. दिवाली के दिन उनकी विधिवत पूजा करें. गणेश जी को शुभता का प्रतीक माना गया है और माता लक्ष्‍मी को धन की देवी कहा गया है. जहां शुभता के साथ धन लक्ष्‍मी का आगमन होता है, वहां सबकुछ मंगल ही मंगल होता है.

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