CHC पट्टी में मोबाइल की फ्लैश लाइट से हो रहा इलाज, व्यवस्थाओं की खुली पोल
दो-दो जनरेटर फिर भी मोबाइल की रोशनी में इलाज को मजबूर मरीज

गाँव लहरिया न्यूज़/पट्टी
“स्वास्थ्य सेवाओं का हाल देखना हो तो पट्टी सीएचसी चले जाइए, यहां मरीजों का इलाज जनरेटर होते हुए भी मोबाइल की रोशनी में किया जा रहा है।” यह हाल है सेठ पन्नालाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पट्टी का, जहां बदहाल व्यवस्थाओं ने मरीजों की तकलीफें बढ़ा दी हैं।अस्पताल में दो-दो जनरेटर होने के बावजूद बिजली व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। मरीजों और उनके परिजनों ने मंगलवार को अस्पताल का दौरा करने पहुंचे संवाददाता को बताया कि हर बार लाइट जाने पर अस्पताल स्टाफ मोबाइल फ्लैशलाइट का सहारा लेकर इलाज करता है।
सुबह से दोपहर तक एमआर का जमावड़ा
सिर्फ बिजली ही नहीं, अस्पताल में दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों (एमआर) का भी जमावड़ा है। मंगलवार को अस्पताल के निरीक्षण के दौरान देखा गया कि सुबह ओपीडी खुलने के समय से लेकर दोपहर 2 बजे तक एमआर डॉक्टरों के कमरों में आते-जाते और बैठते दिखाई दिये। सवाल यह उठता है कि आखिर किसकी अनुमति से एमआर सरकारी अस्पताल में इस तरह से घूम रहे हैं?ग्रामीणों का आरोप है कि एमआर डॉक्टरों से बाहर की महंगी दवाएं लिखवाने का दबाव बना रहे हैं। ऐसे में गरीब मरीजों को सस्ती और जरूरी सरकारी दवाएं मिल ही नहीं पा रहीं। सवाल उठता है कि यदि सरकारी अस्पताल में रोजाना इस तरह कंपनियों के एमआर बैठेंगे तो फिर आम जनता के इलाज का क्या होगा?
अधीक्षक का तबादला, चार्ज न देने पर भी सवाल
उधर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक का ट्रांसफर हो चुका है, लेकिन उन्होंने अभी तक चार्ज नहीं दिया है। चर्चा यह भी है कि वे किसी “जुगाड़” में लगे हैं ताकि तबादला रुकवाया जा सके और कुर्सी बरकरार रह सके।मरीजों और उनके परिजनों ने कहा कि सरकारी अस्पताल में हर दिन कोई न कोई नया खेल हो रहा है। सीएमओ को मामले की जांच कर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि आम जनता को राहत मिल सके।