पेय जल संकट : जौनपुर में खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है फ्लोराइड, एनजीटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक पहुंच गई है फ्लोराइड की मात्रा

गाँव लहरिया न्यूज/जौनपुर

जनपद में पानी को लेकर गंभीर संकट उतपन्न हो गया है यहाँ पर पानी में फ्लोराइड खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। इसको लेकर एनजीटी ने 18 दिसंबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। भूगर्भ जल में फ्लोराइड की तय मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर है, जबकि यहां के पानी में यह 1.5 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक पहुंच गई है। यह लोगों के दांतों, हड्डियों, किडनी और लीवर के लिए खतरनाक है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय बायोटेक्नालॉजी विभाग की अध्यक्ष प्रो. वंदना राय ने बताया कि पानी के जरिये फ्लोराइड हमारी हड्डियों और दांतों में जमा हो जाता है। इससे हड्डिया टेढ़ी और कमजोर होने लगती हैं। पानी के साथ फ्लोराइड लीवर में पहुंचता है। इससे लीवर और किडनी दोनाें प्रभावित होती हैं। इसी विभाग के प्रो. राजेश शर्मा का कहना है कि पानी में फ्लोराइड की सांद्रता बढ़ने से फ्लोरोसिस की बीमारी लोगों में तेजी से बढ़ रही है। इससे मसूड़ों में सूजन के साथ खून  निकलने लगता है। साथ ही दांत कमजोर हो जाते हैं। वहीं, पैर की हड्डियां धनुष के आकार की हो जाती हैं। इससे बचने के लिए शुद्ध पानी का सेवन करने के लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। हालांकि एनजीटी को छोड़कर किसी विभाग के पास जिले के पानी में फ्लोराइड की मात्रा का कोई आंकड़ा नहीं है। राज पीजी कालेज के प्राचार्य प्रो. शंभूराम चौहान ने बताया कि फ्लोराइड अधिक होने से मानव जीवन पर बहुआयामी प्रभाव पड़ रहा है। यह बेहद घातक है और समय रहते जिम्मेदारों को इस ओर ध्यान देना चाहिए ।

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