पंचायतीराज की राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में शामिल होंगे डॉ. चन्द्रशेखर प्राण

गाँव लहरिया न्यूज/डेस्क

तीसरी सरकार अभियान के संस्थापक और नेहरू युवा केंद्र संगठन के पूर्व निदेशक डॉ. चन्द्रशेखर प्राण को राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज संस्थान (NIRDPR) हैदराबाद ने राष्ट्रीय कार्यशाला में विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया है। ‘पंचायतीराज : पुनरावलोकन और संभावनाएं’ विषयक यह कार्यशाला पंचायतीराज मंत्रालय भारत सरकार और एनआईआरडीपीआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में 04 एवं 05 सितंबर 2023 को एनआईआरडीपीआर हैदराबाद में ही आयोजित हो रही है।

डा. प्राण का मत है कि 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायत एवं नगरपालिकाओं को स्व सरकार (Self-Government) का दर्जा दिया गया है। यह दोनों भारतीय राज्य व्यवस्था की तीसरी सरकार हैं, जो सहभागी लोकतंत्र, समावेशी विकास और स्वशासन की दृष्टि से सबसे उपयुक्त है।

इस कार्यशाला में पंचायतीराज व्यवस्था की अब तक की उपलब्धियों और भावी संभावनाओं के परिप्रेक्ष्य में विचार विमर्श किया जाएगा। कार्यशाला में पूरे देश से पंचायत के क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रमुख लोगों और विशेष पंचायत प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है।

गाँव लहरिया से बात करते हुए तीसरी सरकार अभियान के अनिल तिवारी ने बताया कि यह हम सभी के लिए अत्यधिक गर्व की बात है कि हमारी धरती के सपूत और पंचायतीराज व्यवस्था के उन्नयन के लिए समर्पित डॉ. प्राण, इस राष्ट्रीय कार्यशाला में ‘पंचायत में जेंडर मुद्दे’ विषय पर आयोजित चर्चा सत्र की अध्यक्षता करेंगे। डा. प्राण उत्तर भारत से अकेले ऐसे प्रमुख विषय विशेषज्ञ हैं, जिन्हें इस राष्ट्रीय विमर्श में आमंत्रित किया गया है। अभी कुछ माह पहले ही एनआईआरडीपीआर हैदराबाद ने उन्हें स्कूल ऑफ एक्सीलेंस फॉर पंचायतीराज के लिए भी अपना सलाहकार बनाया था। डा. प्राण पिछले 25 वर्षों से लगातार पंचायतीराज व्यवस्था के लिए जागरूकता, प्रशिक्षण और एडवोकेसी से संबंधित मुद्दों पर कार्य कर रहे हैं। वह सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत एवं मार्गदर्शक भी हैं। डा. प्राण का मत है कि 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन द्वारा पंचायत एवं नगरपालिकाओं को स्व सरकार (Self-Government) का दर्जा दिया गया है। यह दोनों भारतीय राज्य व्यवस्था की तीसरी सरकार हैं, जो सहभागी लोकतंत्र, समावेशी विकास और स्वशासन की दृष्टि से सबसे उपयुक्त है। पंचायतीराज व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए आयोजित इस राष्ट्रीय कार्यशाला में डा. प्राण की उपस्थिति निश्चित ही सहायक सिद्ध होगी। इसमें पंचायत से जुड़े जमीनी मुद्दों पर चर्चा होगी और उपयोगी सुझाव सामने आएंगे, जो पंचायतीराज को वास्तविक स्वरूप और दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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