नेता.. पत्रकार… या अधिवक्ता?? सरकारी अस्पताल ब्लाक परिसर थाना चौकी पर सुबह होते ही मंडराने लगता है जलसाज
फर्जी पत्रकार फर्जी अधिवक्ता बनकर धौंस जमाने वाले व्यक्ति के खिलाफ आक्रोश

गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़
असली अधिवक्ता व पत्रकार की छवि धूमिल करने वाले फर्जी पत्रकार व अधिवक्ता की बाढ़ सी आ गई है, कधंई व दिलीप पुर थाना क्षेत्र में मौजूद सरकारी कार्यालयों में खुद को पत्रकार अधिवक्ता बता कर अधिकारी व पुलिस पर धौंस जमाने का प्रयास करता है। सुबह होते ही फर्जी मामलों की पैरवी भी करता है। गरीब पीड़ित आमजन अधिवक्ता व पत्रकार से न्याय की अपेक्षा करते हैं वही कुछ चंद टूंटपुजिए किस्म के लोगों दोनों की गरिमा को तार तार करने में लगें हैं। लोगों को भी अब समझ में नहीं आता कि कौन असली अधिवक्ता व पत्रकार कौन नही, इलाके का एक व्यक्ति कुछ दिन पहले बिजहरा गांव में स्थित चौकी अंतर्गत एक पीड़ित से पुलिस के नाम पर रुपए लेकर फरार हो गया था। पट्टी कोतवाली क्षेत्र के भदेवरा गांव में एक फर्जी व्यक्ति खुद को जेई बताकर ग्रामीणों का केबल काटने के दौरान दबोच लिया गया था, असली जेई ने पट्टी पुलिस को तहरीर दी लेकिन दबाव के चलते कार्यवाही नहीं हुई, सरकारी अस्पताल में आने वाली महिलाओं व युवतियों की निजता पर चोट पहुंचाई जा रही है। फर्जी तरीके से फोटो वीडियो बनाकर वायरल करता है। अस्पताल के अंदर की हरकत सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। इस तरह की हरकत बाबा बेलखरनाथ धाम में कुछ दिन पहले तीन युवकों द्वारा फोटो वीडियो बनाकर रील अपलोड की गई थी जिस पर तमाम लोगों ने एतराज जताया था। जिला सूचना कार्यालय में इस तरह के पत्रकारों का कही कोई जिक्र तक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन कहती हैं कि आप अगर अधिवक्ता है तो पत्रकारिता नही कर सकते हैं। और आप पत्रकार हैं तो किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य पदाधिकारी नही माने जाएंगे, इन सब को धता बताते हुए ग्रामीण इलाकों में फर्जी अधिवक्ता पत्रकार सत्ता पक्ष का नेता बताकर धन उगाही की जाती है। जिला प्रशासन ऐसे लोगों को चिंहित करके आखिर कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है।