देवी सावित्री के रूप में पूजित हुआ वट वृक्ष, सुहागिनों ने रखा व्रत
पति की लंबी उम्र के लिए व्रती महिलाओं ने की वट सावित्री व्रत की पूजा

गाँव लहरिया न्यूज़ /अमेठी
सोमवार को संग्रामपुर क्षेत्र में वट सावित्री व्रत के अवसर पर सुहागिनों ने पूरे विधि-विधान से वट वृक्ष की पूजा कर अपने पति की दीर्घायु की कामना की। देवी सावित्री का रूप मानकर वट वृक्ष को पूजित किया गया। क्षेत्र के विभिन्न गांवों—भवसिंहपुर, संग्रामपुर, गूजीपुर, सहजीपुर, बेलखरी, सोनारीकनू, पुन्नपुर, बड़गांव, मिश्रौली, शुकुलपुर और कसारा आदि में महिलाएं सुबह से ही व्रत रखकर पूजा की तैयारियों में जुटी रहीं।कालिकन धाम के पुराने शिव मंदिर के पास स्थित वट वृक्ष के नीचे महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा अर्चना की। वहीं भवानीपुर की बाग में भी परंपरागत रीति से वट वृक्ष की पूजा की गई। दर्जनों वट वृक्षों पर महिलाओं ने कच्चे धागे से फेरा लगाकर सावित्री-सत्यवान की कथा सुनी और जीवन साथी की लंबी उम्र की प्रार्थना की।व्रती महिलाओं ने बताया कि पुराणों के अनुसार सावित्री ने वट वृक्ष के नीचे बैठकर अपने मृत पति सत्यवान को यमराज से पुनः प्राप्त किया था। तभी से यह परंपरा चली आ रही है कि इस दिन वट वृक्ष को देवी सावित्री का रूप मानकर पूजा जाता है।रीना सिंह, जो कालिकन धाम पर व्रत कर रही थीं, ने बताया, “पति की लंबी उम्र और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना के लिए वट वृक्ष की पूजा की जा रही है। देवी सावित्री और सत्यवान की कथा सुनकर हम सब प्रेरणा लेती हैं।”पूरे संग्रामपुर क्षेत्र में वट सावित्री व्रत को लेकर श्रद्धा और उत्साह का माहौल देखा गया। मंदिरों और वट वृक्षों के पास पूजा के लिए महिलाओं की भीड़ लगी रही।