MAGH MELA : स्कूटर स्पीड बोट, रिमोट लाइफबॉय बचाएंगे श्रद्धालुओं की जान

प्रयागराज संगम तट पर लगने वाले माघ मेले के लिए तैयारियां लगभर पूरी हो गई हैं, घाटों को तैयार कर दिया गया है, और सुरक्षा व्यवस्था की दृष्टि से जल पुलिस अलावा अन्य फोर्स की तैनाती कर दी गई है.

पावन नगरी कही जाने वाली प्रयागराज में चार दिन बाद शुरू हो रहे माघ मेला को देखते हुए थल ही नहीं, बल्कि जल में भी सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं. यहां स्कूटर स्पीड बोट के साथ-साथ रिमोट लाइफबॉय व लाइफगार्ड जैसे उपकरणों की व्यवस्था की गई है. जिससे किसी हादसे की स्थिति में पलक झपकते ही स्नानार्थियों की जान बचाई जा सकेगी, संगम में स्नान के दौरान सुरक्षा के लिए किन उपकरणों व अत्याधुनिक नावों के इंतजाम किए गए हैं. आइए डालते हैं एक नजर…..

अत्याधुनिक नाव

अंग्रेजी अक्षर ‘यू’ के आकार का यह उपकरण यूं तो दिखने में बेहद सामान्य सा है, लेकिन जल में होने वाले हादसों में डूब रहे व्यक्ति की जान बचाने में बेहद कारगर है। यह रिमाेट से संचालित होने वाला वह उपकरण है जो कुछ ही सेकेंड में एक से दो किमी की दूरी तय कर सकता है, नाव पलटने या स्नानार्थी के डूबने की दशा में इसे किनारे पर खड़े होकर रिमोट से संबंधित व्यक्ति तक भेजा जा सकता है, इसके बाद इसे पकड़कर डूब रहा व्यक्ति आसानी से किनारे तक आ सकता है, इसे एक साथ चार लोग पकड़कर पानी से बाहर आ सकते हैं और जल पुलिस के पास छह रिमोट लाइफबॉय उपलब्ध हैं.

लाइफगार्ड

यह गोल आकार का ट्यूब जैसा उपकरण है. जिसे मैनुअल तरीके से ऑपरेट किया जाता है, इसके एक छोर पर रस्सी बंधी होती है. जिसे घाट पर खड़ा या नाव पर मौजूद व्यक्ति पकड़े रहता है, हादसे की स्थिति में इसे डूब रहे व्यक्ति के पास फेंक दिया जाता है, जिसे पकड़कर वह अपनी जान बचा सकता है, इसके बाद घाट पर खड़ा या नाव पर मौजूद व्यक्ति धीरे-धीरे रस्सी से लाइफगार्ड और संबंधित व्यक्ति को पानी से बाहर निकाल लेता है..

स्कूटर स्पीड बोट

यह मोटर इंजन से चलने वाली नाव है जो स्कूटर की तरह होती है, इसमें तीन लोग बैठ सकते हैं, इसकी खासियत यह है कि यह कुछ ही मिनटों में 50 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार में दौड़ सकती है, पानी में दुर्घटना होने पर जल पुलिस के जवान इस बोट के माध्यम से बेहद कम समय में डूब रहे व्यक्ति तक पहुंच सकते हैं और राहत कार्य शुरू कर सकते हैं.

मैक बोट

स्कूटर स्पीड बोट की तरह ही पानी में कुछ ही देर में 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकने वाली यह नाव उन दुर्घटनाओं में बेहद कारगर है. जिसमें हताहत हुए लोगों की संख्या ज्यादा है, मसलन नाव पलटने जैसी दुर्घटनाओं में यह बेहद उपयोगी साबित होती है, इस पर एक साथ लगभग 15 लोगों को रेस्क्यू किया जा सकता है..

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने भी संभाला मोर्चा

जल पुलिस के साथ ही एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की छह टीमों ने भी मोर्चा संभाल लिया है, दोनों दलों के एक-एक कैंप संगम घाट जबकि बेस कैंप अरैल क्षेत्र में बनाए गए हैं, इसके अलावा पीएसी बाढ़ राहत दल की पांच कंपनियां भी मेला क्षेत्र में मुस्तैद कर दी गई हैं, किला घाट के पास स्थित वीआईपी घाट के पास जल पुलिस थाने के ठीक बगल में पीएसी बाढ़ राहत दल का कैंप बनाया गया है.

स्नानार्थियों की सुरक्षा को 800 जवानों की तैनाती जल पुलिस के नेतृत्व में इस बार माघ मेले में स्नानार्थियों की सुरक्षा को 800 जवानों ने मेले में मोर्चा संभाल लिया है, और नदी में होने वाले हादसों को रोकने के लिए मुस्तैद हो गए हैं, जल पुलिस प्रभारी जनार्दन प्रताप साहनी लगातार अपनी टीम के साथ मौजूद रहकर हादसों को रोकने के लिए मुस्तैद हैं, उन्होंने स्नानार्थियों व श्रद्धालुओं से यह अपील की कि नाव पर बैठने के दौरान वह लाइफ जैकेट जरूर पहनें.

स्नान घाटों पर नहाने. नाव से घूमने के दौरान हादसों को रोकने व राहत कार्य के लिए पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं, जवानों को मुस्तैद कर दिया गया है, नाविकों को निर्देशित किया गया है कि नाव पर बैठने वाले हर श्रद्धाुल को लाइफ जैकेट पहनाना हर हाल में सुनिश्चित किया जाए.. – डॉ.राजीव नारायण मिश्र, डीआईजी/एसएसपी माघ मेला

 

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