पट्टी CHC में जलभराव से मचा हाहाकार, अधीक्षक डॉ. अखिलेश जायसवाल मौन
बरसात में डूब रहा अस्पताल, मरीज बेहाल – जिम्मेदार चुप्पी साधे बैठे

गाँव लहरिया न्यूज़/ पट्टी
जरा सी बारिश में तालाब बन जाने वाला पट्टी का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन कारण शर्मनाक है। हर साल की तरह इस बार भी बारिश होते ही अस्पताल परिसर पानी-पानी हो गया है। मरीजों को अस्पताल पहुंचना तक दूभर हो गया है, लेकिन इस पूरे हालात पर CHC अधीक्षक डॉ. अखिलेश जायसवाल की चुप्पी लोगों को खटक रही है।स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि अस्पताल में वर्षों से जलभराव की समस्या बनी हुई है, लेकिन न तो अधीक्षक की तरफ से कोई प्रयास दिखता है और न ही प्रशासन की तरफ से। जब मीडिया या जनता इस समस्या पर सवाल करती है तो अधीक्षक मौन साध लेते हैं – यह चुप्पी अब लोगों के लिए तकलीफदेह और सवालों से भरी हो गई है।
मरीजों के लिए बनी सजा जैसी व्यवस्था
बरसात होते ही अस्पताल का मुख्य परिसर जलमग्न हो जाता है। न मरीज स्ट्रेचर से अंदर जा सकते हैं, न पैदल। अस्पताल की गलियों में कीचड़ और बदबू से बीमारी और बढ़ने का खतरा बना रहता है। पर आश्चर्य की बात यह है कि अस्पताल प्रशासन, विशेषकर डॉ. अखिलेश जायसवाल, इस बदहाल व्यवस्था पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देते।जनता बोली: डॉ. साहब को शर्म आनी चाहिएग्रामीणों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि “यदि एक जिम्मेदार चिकित्साधिकारी इस दुर्दशा पर भी कुछ न बोले, तो यह खामोशी सिर्फ लापरवाही नहीं, अपराध है। सालों से हम यही दृश्य देख रहे हैं, और हर बार सिर्फ ‘देख रहे हैं’ – समाधान कोई नहीं करता।”
प्रशासनिक चुप्पी भी सवालों के घेरे में
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इस समस्या की जानकारी वर्षों से है। बावजूद इसके कोई स्थायी समाधान नहीं किया गया। जनप्रतिनिधि भी सिर्फ आश्वासन देकर निकल जाते हैं। डॉ. अखिलेश की चुप्पी और अफसरों की निष्क्रियता ने जनता में गहरा आक्रोश भर दिया है।