बेलखरनाथ धाम प्रमुख के पोस्टर से गायब पूर्व मंत्री, क्षेत्र में मचा सियासी हड़कंप
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्टर, मोती सिंह सहित कई दिग्गज भाजपा नेता नदारद

गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़।
बाबा बेलखरनाथ धाम के ब्लॉक प्रमुख सुशील सिंह ने उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के. स्वागत में एक पोस्टर जारी किया जिसको लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। पोस्टर इन दिनों जिले की राजनीति में हलचल मचा रहा है। ब्लॉक प्रमुख द्वारा जारी किए गए इस पोस्टर में पूर्व मंत्री और जिले के कद्दावर भाजपा नेता राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह की तस्वीर शामिल नहीं की गई है। यही नहीं, जिले के अन्य प्रमुख भाजपा नेताओं की तस्वीरें भी पोस्टर से नदारद हैं। सिर्फ भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव को ही पोस्टर पर जगह मिली है।पोस्टर को खुद ब्लॉक प्रमुख ने सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। आम जनता से लेकर सियासी गलियारों तक इसको लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
क्या है सियासी संदेश?
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यह केवल एक तकनीकी चूक नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर उठाया गया कदम हो सकता है। लंबे समय से पार्टी का चेहरा रहे नेताओं को दरकिनार करना क्या किसी नई रणनीति का हिस्सा है? या ब्लॉक प्रमुख अब संगठन से अलग अपनी स्वतंत्र राजनीतिक पहचान गढ़ने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं?
सोशल मीडिया बना चर्चा का मंच
जैसे ही यह पोस्टर सोशल मीडिया पर डाला गया, क्षेत्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई। कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने इसे “भाजपा के अंदर असंतोष का संकेत” बताया तो कुछ ने इसे पार्टी की भावी रणनीति का हिस्सा मान रहे है।
स्थानीय निकाय चुनाव से पहले संकेत?
विशेषज्ञों की मानें तो यह घटनाक्रम आगामी स्थानीय चुनावों के लिए बदलते समीकरणों की शुरुआत हो सकती है। संगठन के पुराने और जमीनी नेताओं की अनदेखी से पार्टी के भीतर ही साफ-साफ खेमेबाजी के संकेत मिल रहे हैं।
भीतरघात की आहट या नई सियासत की शुरुआत?
स्थानीय नेताओं की मानें तो यह घटना भाजपा के अंदरूनी समीकरणों में बदलाव की ओर संकेत कर सकती है। कुछ इसे “सॉफ्ट विद्रोह” की शुरुआत मान रहे हैं, जो भविष्य में खुलकर सामने आ सकती है।अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी नेतृत्व इस मामले पर क्या रुख अपनाता है और क्या यह पोस्टर विवाद आने वाले स्थानीय चुनावों में संगठन की रणनीति और चेहरे तय करने में कोई बदलाव लाएगा।