‘मनोज तिवारी’ से ख़ास मुलाकात

घोटालेबाजों के खिलाफ बिगुल फूकने वाले मनोज तिवारी को 8 साल तक जेल में रहना पड़ा

झुकना स्वीकार नहीं इसलिए लडाई का विकल्प हमेशा खुला रखा. जनता के मुद्दों को लेकर हर लडाई लडूंगा : मनोज तिवारी (खाद्यान्न घोटाले के मुख्य पीआईएल कर्ता )

गाँव लहरिया न्यूज/प्रतापगढ़

राजनीति के अपने शुरुवाती दौर में ही जनता के दिलों पर राज करने वाले लोकप्रिय नेता मनोज तिवारी का भ्रस्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना तत्कालीन समाजवादी सरकार को नागवार गुजरा. खाद्यान घोटाले का पर्दाफास करने के लिए मनोज तिवारी ने पीआईएल की थी. घोटाले बाजों में रघुराज प्रताप उर्फ़ रजा भैया का भी नाम शामिल था. मामला अभी सीबीआई के पास है. रसूखदारों का दबाव था की पी आई एल वापस ले लें लेकिन खाद्यान्न घोटाले के पीआईएल को वापस नहीं लिया बल्कि मजबूत पैरवी करनी शुरू कर दी. पी आई एल वापस ना लेना मनोज तिवारी को काफी महंगा पड़ा.

घोटालेबाजो के आगे नहीं झुके

सत्ता में शामिल गरीबों के हिस्से के अन्न को डकार जाने वाले घोटालेबाजों ने सत्ता कि बैसाखी पर टिके भ्रस्टाचारियों ने सरकार के साथ मिलकर मनोज तिवारी को तमाम यातनाएं दी उनका घर गिरा दिया गया भाई, मां, पत्नी, बहु समेत पूरे परिवार के ऊपर मुकदमे लिखे गए. तमाम तरह कि यातनाएं दी गयी लेकिन तब पर भी मनोज तिवारी अपने इरादों पर अटल रहे. बढती लोकप्रियता से सकते में आ रहे जनपद के कुछ नेताओं की राजनीतिक बिसात में उलझ कर मनोज तिवारी को जेल जाना पड़ा. आठ साल जेल में बिताना  पड़ा. ज्यादातर मामले में बरी होकर और कुछ मामलों में जमानत पाकर जेल से बाहर आ गए हैं. लम्बे समय तक संघर्ष करने और यातनाएं झेलने के बाद भी  तिवारी का अंदाज बुलंद है. जोश पहले से भी ज्यादा हाई है ..  गाँव लहरिया संवादाता से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि इन आठ साल में उन्हें कभी भी अकेला नहीं महसूस हुआ. लोगों ने उनका साथ नहीं छोड़ा और अब वह अपने लोगों कि सेवा के लिए तैयार हैं ..क्या कुछ बातें हुई देखें वीडियो …..

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