वैज्ञानिक खेती से बढ़ेगा उत्पादन, भारत बनेगा विश्व की खाद्य टोकरी

भवसिंहपुर और मधुपुर खदरी में कृषि संगोष्ठी, किसानों को दी गई आधुनिक तकनीकों की जानकारी

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी

भारत को विश्व की खाद्य टोकरी बनाने के उद्देश्य से चलाए जा रहे विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत मंगलवार को संग्रामपुर क्षेत्र के पंचायत भवन भवसिंहपुर और मधुपुर खदरी में किसानों के साथ संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता पशुपालन वैज्ञानिक डॉ. सुरेंद्र सिंह ने की।कार्यक्रम में वैज्ञानिक विधि से खेती करने, कम लागत में अधिक उत्पादन पाने, और जलवायु परिस्थितियों के अनुसार कृषि के तरीके अपनाने पर जोर दिया गया। डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों का सबसे बड़ा अस्त्र पशु हैं, जो उनकी आर्थिक समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने बताया कि जोताई, बुआई के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन में भी पशुपालन का योगदान अहम है। इसी के बल पर भारत आज दुग्ध उत्पादन में विश्व में प्रथम स्थान पर है।संगोष्ठी में मृदा स्वास्थ्य कार्ड के उपयोग, उच्च उपज वाले बीजों की पहचान, संतुलित उर्वरक प्रयोग, सिंचाई की आधुनिक विधियों, और आदर्श बुवाई तकनीकों पर विस्तार से जानकारी दी गई। किसानों को सलाह दी गई कि वे अपने क्षेत्र की मिट्टी, जल और वर्षा के पैटर्न को समझकर फसलें चुनें।खंड विकास अधिकारी संग्रामपुर शिवपूजन भारतीया ने कहा कि भारत सरकार का उद्देश्य है कि देश के किसान वैज्ञानिक विधियों को अपनाकर उत्पादन बढ़ाएं और कम लागत में अधिक मुनाफा अर्जित करें। इसी के तहत यह अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें किसानों को प्रमाणित बीज, स्वास्थ्य मिट्टी और आधुनिक तकनीकी के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

भवसिंहपुर के प्रधान अशोक कुमार उपाध्याय ने किसानों से आह्वान किया कि वे सरकार के लक्ष्य को सफल बनाने में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि मोटे अनाजों की खेती, खरीफ फसलों के साथ मृदा परीक्षण और वैज्ञानिक तरीके से खेती अपनाकर किसान अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।कार्यक्रम में ग्राम विकास अधिकारी धर्मेंद्र पटेल, कृषि विभाग से एडीओ एजी चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय, रामकेदार, अरुण कुमार सहित क्षेत्र के कई किसान उपस्थित रहे।

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