प्रतापगढ़ में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने अधिकारियों के साथ की बैठक, दिये आवश्यक निर्देश

गाँव लहरिया न्यूज/सूचना विभाग

प्रतापगढ़। उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निर्मला सिंह पटेल जी ने विकास भवन सभागार में मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बाल संरक्षण से जुड़ी संस्थाओं और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के अन्तर्गत कोविड-19 से प्रभावित 195 बच्चों को जनपद में लाभान्वित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 32000 बच्चियों को लाभ दिया जा रहा है। सदस्य ने विभिन्न विभागों क्रमशः स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार, श्रम विभाग के अधिकारियों से बाल सुविधाओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की और निर्देशित किया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ लाभार्थियों को दिया जाये। सीएमएस को निर्देशित किया कि डिलीवरी के समय बच्चियों के माता-पिता को प्रेरित किया जाये कि कन्या सुमंगला योजना का अधिक से अधिक लाभ उठायें।

बच्चों को नशा से दूर रहने हेतु किया जाये प्रेरित

आबकारी अधिकारी को निर्देशित किया कि नशा मुक्ति अभियान के अन्तर्गत विद्यालयों के 100 मीटर दूरी पर आबकारी की दुकाने होनी चाहिये, 21 वर्ष के कम बच्चों को नशीले पदार्थो की विक्री न करायी जाये इसके लिये प्रेरित करें तथा बच्चों को नशा से दूर रहने हेतु प्रेरित किया जाये। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि मिशन शक्ति अभियान के अन्तर्गत महिलाओं/बालिकाओं को नारी सुरक्षा, नारी सम्मान, नारी स्वावलम्बन हेतु जागरूक करें, उन्हे योजनाओं का लाभ दिलाये, उनकी जो भी शिकायतें हो उसका प्राथमिकता से निस्तारण करायें।

दुरुस्त कराएँ शिक्षण व्यवस्था

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से कहा कि तौकलपुर प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया गया जिसमें विद्यालय की स्थिति ठीक नही पायी गयी और एक ही क्लास में 2-3 कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाया जाता है और वहां के बच्चों के पठन-पाठन की स्थिति खराब पायी गयी तथा अध्यापक अनुपस्थित पाये गये, सुरक्षा की दृष्टि वहां पर बाउण्ड्री भी नही थी। उन्होने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि प्राथमिक विद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्थाओं को दुरूस्त करायें, अध्यापकों की अनुपस्थिति अनिवार्य करायें एवं उनकी ट्रेनिंग भी करायें जिससे पठन-पाठन की स्थिति सुदृढ़ हो सके। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को यह भी निर्देशित किया कि प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के प्रवेश हेतु बच्चांं के माता-पिता को प्रेरित करें।

सरकार द्वारा दी जाती है आर्थिक सहायता

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य निर्मला सिंह पटेल बताया कि महिला कल्याण विभाग द्वारा निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत आवेदिका को 1 हजार रूपये प्रतिमाह पेंशन की सहायता दी जाती है और पुत्री की शादी में रूपये 10 हजार का अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत बालिका को जन्म से लेकर कक्षा-12 उत्तीर्ण कर डिप्लोमा/डिग्री में प्रवेश तक कुल 06 श्रेणियों में रूपये 15 हजार का अनुदान दिया जाता है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड-19 से प्रभावित) बच्चों को 18 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बालक/बालिका को प्रतिमाह रूपये 4000 की सहायता धनराशि दी जाती है तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के अन्तर्गत 23 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बालक/बालिका को प्रतिमाह रूपये 2500 का अनुदान दिया जाता है, अधिकतम एक परिवार के दो बच्चों को लाभ दिया जायेगा।

बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) रोहित मिश्रा, जिला प्रोबेशन अधिकारी राम बाबू विश्वकर्मा, बाल संरक्षण अधिकारी अभय शुक्ला सहित प्रोबेशन अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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