पास्को व छेड़छाड़ के आरोपी की गिरफ्तारी न होने पर पिता का फूटा गुस्सा, एसपी से लगाई न्याय की गुहार

कंधई पुलिस की लापरवाही

गाँव लहरिया न्यूज़ /प्रतापगढ़

कंधई थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के साथ हुई जघन्य वारदात के बावजूद पुलिस की सुस्त कार्रवाई से पीड़िता का परिवार गहरे सदमे में है। बीते 4 फरवरी को एक गांव में 14 वर्षीय किशोरी, जो घर पर अकेली थी, उस वक्त दरिंदगी का शिकार हुई जब उसकी सौतेली मां का परिचित अभिषेक मिश्रा घर में घुस आया। आरोप है कि अभिषेक ने किशोरी का मुंह दबाकर दुष्कर्म का प्रयास किया और छेड़छाड़ करते हुए उसे बुरी तरह पीटा, जिसके बाद वह फरार हो गया।

महाराष्ट्र के मुंबई महानगर में रहने वाले पीड़िता के पिता को जब इस हृदयविदारक घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तत्काल घर पहुंचकर कंधई पुलिस थाने में रानीगंज थाना क्षेत्र के अभिषेक मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। लेकिन, दो महीने से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद, कंधई पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।

इस लापरवाही का खामियाजा पीड़िता और उसके परिवार को भुगतना पड़ रहा है। डर और दहशत के कारण किशोरी अपनी हाईस्कूल की परीक्षा भी नहीं दे पाई है। आरोप यह भी है कि आरोपी लगातार पीड़िता और उसके परिवार को धमकियां दे रहा है, जिससे उनका जीना मुहाल हो गया है।

न्याय की आस में पीड़िता के पिता शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक (एसपी) के पास पहुंचे और आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कंधई पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस और कुछ स्थानीय नेताओं के दबाव के चलते गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे के अभियुक्त को जानबूझकर गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। पीड़िता के पिता ने यह भी आशंका जताई कि आरोपी, पीड़िता की सौतेली मां के इशारे पर गांव के आसपास ही छिपे हुए हैं। डर के मारे पीड़िता और उसका परिवार घर से बाहर निकलने में भी डर रहा है।

इस गंभीर मामले में कंधई थाना प्रभारी गुलाबचंद सोनकर का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका सीयूजी नंबर स्विच ऑफ आ रहा था।

यह घटना कंधई पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक नाबालिग लड़की के साथ हुई इतनी गंभीर वारदात के बाद भी आरोपी का खुलेआम घूमना न केवल पुलिस की नाकामी को दर्शाता है, बल्कि यह भी संदेह पैदा करता है कि कहीं न कहीं प्रभावशाली लोगों का दबाव पुलिस पर काम कर रहा है। पीड़िता और उसका परिवार न्याय के लिए गुहार लगा रहा है, और अब यह देखना होगा कि पुलिस अधीक्षक इस मामले में हस्तक्षेप कर कब तक आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचाते हैं। इस मामले में किसी भी तरह की ढिलाई कानून व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाएगी।

 

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