चेक बाउंस मामले में दोषी रामजी उमरवैश को एक वर्ष की सजा, ₹20 लाख लौटाने का आदेश

अपर सिविल जज जूनियर डिवीजन का फैसला, कोरोना काल में ली गई थी सहायता राशि

गाँव लहरिया न्यूज़/प्रतापगढ़

अपर सिविल जज (जूनियर डिवीजन) यतेन्द्र पाल सिंह की अदालत ने सोमवार को चेक अनादरण (NI एक्ट) के एक मामले में सुनवाई करते हुए रामजी उमरवैश निवासी रंजीतपुर चिलबिला, थाना कोतवाली नगर को दोषी ठहराया है। अदालत ने आरोपी को एक वर्ष के सश्रम कारावास और ₹5000 के आर्थिक दंड से दंडित किया है।इसके साथ ही अदालत ने आदेशित किया कि दोषी रामजी उमरवैश दो माह के भीतर परिवादी दिनेश चंद्र जायसवाल को ₹14 लाख की चेक राशि के साथ ₹6 लाख ब्याज सहित कुल ₹20 लाख की धनराशि प्रतिकर स्वरूप अदा करें।

परिवाद में बताया गया कि कोरोना महामारी के दौरान लगे लॉकडाउन में व्यवसायिक स्थिति खराब होने की बात कहते हुए आरोपी ने दिनेश जायसवाल से ₹15 लाख की आर्थिक सहायता मांगी थी। जिसमें से ₹14 लाख की रकम नवंबर 2020 में आरोपी को दी गई।बदले में आरोपी ने आश्वासन दिया कि वह यह राशि एक माह में लौटा देगा। जब दिसंबर में पैसे की मांग की गई तो आरोपी ने 18 दिसंबर 2020 को ₹14 लाख का चेक बैंक ऑफ बड़ौदा कौहडौर शाखा का दिया।चेक को 31 दिसंबर 2020 को बैंक ऑफ बड़ौदा महुली शाखा में लगाया गया लेकिन उसी दिन वह धनाभाव के कारण अनादरित हो गया। इसके पश्चात परिवादी ने 13 जनवरी 2021 को विधिक नोटिस भेजा, जिसका जवाब भी आरोपी की ओर से नहीं दिया गया।लंबे इंतजार के बाद परिवादी ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया। सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्यों और दस्तावेजों के आधार पर अदालत ने आरोपी को दोषी माना और सजा सुनाई।

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