पट्टी में फ़र्ज़ी पैथोलजी लैब्स की बाढ़..डॉक्टरों से सांठ गाँठ कर बीमारों पर डाल रहे डाका

गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी

स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता से प्रतापगढ़ जनपद के पट्टी तहसील मुख्यालय में फर्जी पैथलॉजी लैब्स का कारोबार खूब फलफूल रहा है। नगर में अवैध पैथोलॉजी लैब की बाढ़ सी आ गई है। कलेक्शन सेंटर की आड़ में धड़ल्ले से अवैध पैथोलॉजी लैबों का संचालन किया जा रहा है।

तहसील मुख्यालय में ही जगह-जगह पैथोलॉजी लैब खोल ली गई हैं और इनकी संख्या में तेजी से इजाफा भी होता जा रहा है। बिना रजिस्ट्रेशन व अधिकृत मान्यता न होने के बावजूद संचालित हो रहीं पैथोलॉजी लैबों की जानकारी एवं लगातार हो रही शिकायतों के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। नगर में सीएचसी के सन्निकट, प्राइवेट झोलाछाप डॉक्टरों के क्लीनिक, नर्सिंग होम इत्यादि के आसपास कुकुरमुत्ते की तरह उपजे पैथोलॉजी लैबों में जहां एक तरफ मरीजों का आर्थिक शोषण होता है, वहीं उनके द्वारा किए गए जांच की गलत रिपोर्ट होने से मरीजों को इसका खामियाजा जान तक गंवा कर भुगतना पड़ता है।

केवल नगर में पचास से अधिक पैथोलॉजी लैब संचालित हो रहे हैं ।लेकिन स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी पूरे जिले में रजिस्टर्ड पैथोलॉजी लैब की संख्या बताने से कतराते हैं। जानकारों का कहना है कि नगर में एक भी पैथोलॉजी सेंटर एमडी पैथोलॉजिस्ट द्वारा नही संचालित हो रहा है। यही नहीं इसके जो पैथोलॉजी लैब हैं वे कमोबेश एक ही एमबीबीएस डॉक्टर की देखरेख में संचालित हैं। वहीं कुछ तो लैब टेक्नीशियनों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं। लेकिन सबसे संख्या वैसे पैथोलॉजी लैबों की है जिन्हें न तो डॉक्टर चला रहे हैं ना एलटी, ऐसे पैथोलॉजी लैब फर्जी तरीके से अनभिज्ञ लोगों द्वारा प्रैक्टिस/अनुभव के आधार पर संचालित हो रहे है।

नगर में ऐसे पैथोलॉजी लैबों की संख्या काफी अधिक हैं। केवल सीएचसी रोड पर ही दर्जनों ऐसे लैब संचालित हैं जिनपर कहीं कोई साइन बोर्ड तक नहीं लगा है । ये सेंटर्स डॉक्टरों तथा उनके पास कार्यरत स्टॉफ की मिलीभगत से मरीज को जबरन लैब तक लाते हैं । नगर में कुछ ऐसे पैथोलॉजी लैब भी चल रहे हैं जो किसी ऐसे डॉक्टर के नाम पर रजिस्टर्ड है जो यहां रहते तक नहीं है। उन लैबों में नौसिखिए खून निकाल रहे हैं, जांच कर रहे हैं और रिपोर्ट भी बनाकर दे दे रहे हैं। इतना ही नहीं उस रिपोर्ट पर किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर ले लेते हैं । ये डॉक्टर कौन होता है कोई नहीं जानता। सभी की रिपोर्ट में किसी न किसी डॉक्टर का हस्ताक्षर रहता है। जबकि ऐसे कई जांच हैं जो सिर्फ एमडी (पैथोलॉजी) ही कर सकते हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बनाई है विशेष गाइडलाइन

गांव लहरिया की शोध टीम ने इस विषय पर शोध के दौरान पाया कि क्लीनिकल एस्टेबिलस्मेंट एक्ट के तहत विधायिका ने कुछ नियमों को निर्धारित कर रखा है, जिसमें सभी पैथोलॉजी को रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। इसके अलावा सभी लैब में एक बोर्ड भी डिस्पले करना होगा, जिसमें एमबीबीएस/एमडी डॉक्टर और लैब में काम करने वाले सम्पूर्ण स्टॉफ की योग्यता लिखी होगी।

हर जांच को किया फिक्स, सबका लाइसेंस अलग

अभी तक एक ही पैथोलॉजी लैब में हर तरह की जांच होती थी। ब्लड प्रोफाइल से लेकर टिश्यू तक सभी तरह की जांच करके मरीजों से काफी फीस भी ली जाती थी। लेकिन सरकार ने अब लाइसेंस लेते वक्त ही इसे फिक्स कर दिया है। तीन वर्गों में इसे बांटते हुए बेसिक, मीडियम और एडवांस स्टेज में सभी प्रकार की जांचों को रखा है। जांच केंद्र को हर तरह की जांच करने की इजाजत नहीं होगी। रजिस्ट्रेशन कैटेगरी के हिसाब से गाइडलाइन भी तय की गई है।

बहरहाल टीम गांव लहरिया जनहित में नगर में अवैध रूप से चलाए जा रहे अस्पतालों, जांच केंद्रों सहित मेडिकल स्टोर्स पर भी पुख्ता साक्ष्य इकट्ठा कर रही है जिसे ले कर एक प्रतिनिधि मंडल प्रदेश के बड़े अधिकारियों से शिकायती भेंट करेगी।

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