प्रशासन की अनदेखी से बदहाल चण्डेरिया गौशाला, गोवंश हो रहे बीमार

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी

विकासखंड संग्रामपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत चण्डेरिया में लाखों रुपये खर्च कर बनाई गई अस्थायी गौशाला आज बदहाली की तस्वीर बन चुकी है। इस गौशाला में वर्तमान में 145 गोवंश संरक्षित हैं, लेकिन उनकी देखभाल और साफ-सफाई की हालत बेहद चिंताजनक है।

गौशाला में जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा है, गोवंशों को केवल सूखा भूसा खिलाया जा रहा है। हरे चारे की कोई व्यवस्था नहीं है। कुछ गोवंश गोमूत्र और गोबर के बीच पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, तो कुछ बाहर तड़पते नज़र आते हैं। हालात यह हैं कि कुछ बीमार गोवंशों के मुंह से झाग निकलता देखा गया।

सवाल उठता है – लाखों की लागत, फिर भी बदइंतजामी क्यों?

गौशाला संचालन के नाम पर हर साल लंबे-चौड़े बिल बनाए जाते हैं। पशु आहार, हरे चारे, साफ-सफाई और कर्मचारियों के वेतन के लिए बजट स्वीकृत होता है। चण्डेरिया गौशाला में पेयजल के लिए समरसेबुल, तीन केयरटेकर, और प्रबंधन समिति भी मौजूद है, जिसमें ग्राम विकास अधिकारी से लेकर जिला अधिकारी तक शामिल हैं। बावजूद इसके व्यवस्था का धरातल पर कोई अता-पता नहीं।

स्वास्थ्य संकट भी बढ़ रहा

गंदगी और बदइंतजामी के चलते गोवंशों में खुरपका, मुंहपका, थनैला जैसी बीमारियां फैलने की आशंका बनी हुई है। खुले में पड़ा गोबर और मूत्र मक्खी-मच्छरों व कीड़े-मकोड़ों को बढ़ावा दे रहा है, जिससे स्थानीय वातावरण भी दूषित हो रहा है। इस स्थिति में केयरटेकरों का जीवन भी कठिन हो गया है।जब पूरी व्यवस्थाएं मौजूद हैं, तो फिर साफ-सफाई क्यों नहीं? गोवंशों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार है? क्या प्रशासन इस ओर तब ध्यान देगा जब कोई गंभीर हादसा या गोवंश की मृत्यु होगी?स्थानीय जनता और सामाजिक संगठनों ने मांग की है कि प्रशासन तत्काल चण्डेरिया गौशाला की व्यवस्था की जांच कराए और जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करे।

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