चुनाव कोई भी हो, समीकरण ‘राजा’ ही बनाते हैं : दिनेश तिवारी

विधान परिषद की दो सीटों पर हो रहा है उपचुनाव

विधान परिषद की दो सीटों के लिए होने वाले उपचुनावों में फिर दिखेगी रघुराज प्रताप की हनक,बसपा से बड़ी पार्टी है जनसत्तादल लोकतान्त्रिक

गाँव लहरिया न्यूज/डेस्क

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की दो सीटों पर हो रहे उपचुनाव हो रहे हैं। पार्टियाँ वोटरों को अपने पाले में लाने की और उन्हें बनाये रखने की जुगत भिड़ा रही है ऐसे में एक बार फिर प्रतापगढ़ का नाम सामने आ रह है, चर्चा का कारण है रघुराज प्रताप सिंह उर्फ़ राज भैया। कभी बसपा का कहर झेल चुके राजा भैया का कद आज बसपा से दुगुना है लिहाजा विधानपरिषद के चुनाव में बसपा से ज्यादा अहमियत जनसत्ता  दल लोकतान्त्रिक की है। ‘राजा भइया’ की पार्टी के दो विधायक हैं । विधान परिषद उपचुनाव को लेकर जनसत्ता दल लोकतान्त्रिक के युवा नेता दिनेश तिवारी ने गाँव लहरिया से बात-चीत के दौरान कहा कि ‘चुनाव चाहे जो हो समीकरण हमारे राजा भैया ही तय करते हैं।’

‘चुनाव चाहे जो हो समीकरण हमारे राजा भैया ही तय करते हैं।’ :दिनेश तिवारी

 

उपचुनाव के लिए मतदान सोमवार को सुबह नौ बजे से विधानभवन के तिलक हॉल में होगा। नतीजे भी शाम तक आ जाएंगे। भाजपा और सपा के बीच सीधी लड़ाई है। संख्या के गणित में भाजपा सपा से काफी आगे है। चुनाव के नतीजों से परिषद के समीकरणों पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन लड़ाई से बाहर के खिलाड़ियों का रुख में भविष्य की संभावनाएं जरूर तलाशी जाएंगी। भाजपा ने मानवेंद्र सिंह और पद्मसेन चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। सपा के टिकट पर उनसे रामकरन निर्मल और रामजतन राजभर हैं।

भाजपा को है एकतरफ जीत का भरोसा

सामान्य बहुमत की लड़ाई में भाजपा को किसी और का साथ लेने की जरूरत नहीं है। जबकि सपा को अगर समूचे विपक्ष का भी साथ मिलता है तो भी भाजपा में तगड़ी सेंधमारी के बिना उनके लिए कोई उम्मीद नहीं है और बड़ी सेंधमारी की संभावना न के बराबर है। सत्ता को और मिलेगा साथ? भाजपा गठबंधन के पास 274 विधायक हैं। जीत की संख्या से करीब 72 अधिक। बावजूद इसके उसे कुछ और साथ मिलने की उम्मीद है।

मतदान से कांग्रेस किनारा, बसपा,सुभासपा ने नहीं खोले पत्ते

कांग्रेस के दो विधायक हैं। ये मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी का कहना है कि भाजपा प्रत्याशी को वोट नहीं देंगे, लेकिन सपा ने भी हमारे शीर्ष नेतृत्व से समर्थन नहीं मांगा है। किसी प्रत्याशी ने भी संपर्क नहीं किया है। वहीं, कांग्रेस विधायक दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य गैरहाजिर रहेंगे। बसपा की भी राह तय नहीं है। विधानसभा में कांग्रेस के दो और बसपा के एक सदस्य हैं। तीन वोटों से नतीजों पर तो असर नहीं पड़ेगा लेकिन दोनों दलों का फैसला विपक्षी एकता के पक्ष या विपक्ष के लिए दलीलें जरूर तैयार करेगा। सुभासपा के 6 विधायक हैं। इसमें एक विधायक अब्बास अंसारी जेल में हैं। बाकी पांच विधायक मतदान करेंगे। हालांकि, अब तक सपा या बसपा सुभासपा किसी ने भी अपना स्टैंड तय नहीं किया है।

भाजपा से पद्मसेन चौधरी और मानवेंद्र सिंह व सपा से रामजतन राजभर और रामकरन निर्मल चुनाव लड़ रहे हैं।

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