अरसहनी में पशु चिकित्सालय बना शोपीस, पशुपालक मजबूर निजी इलाज के लिए

गाँव लहरिया न्यूज़/अमेठी
विकासखंड भेंटुआ के अरसहनी ग्राम सभा सहित आसपास के दर्जनों गाँवों के पशुपालक इन दिनों पशु स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। पशुपालकों ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र में स्थापित राजकीय पशु चिकित्सालय केवल नाम का रह गया है—जहाँ न चिकित्सक नियमित बैठते हैं, न ही बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि कभी पशुओं के इलाज के लिए खोला गया यह अस्पताल आज जर्जर भवन में तब्दील हो चुका है। यहाँ वर्षों से न कोई स्थायी पशु चिकित्सक है और न ही नियमित इलाज की व्यवस्था। इलाज के अभाव में पशुपालकों को निजी डॉक्टरों से भारी रकम खर्च कर इलाज कराना पड़ रहा है।इस मुद्दे पर अमेठी के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (CVO) डॉ. गोपाल कृष्ण शुक्ल से बात करने पर उन्होंने बताया कि जिले में पशु चिकित्सकों की भारी कमी है, जिसके कारण अरसहनी केंद्र पर नियमित तैनाती संभव नहीं हो पा रही है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि बीच-बीच में अधिकारी केंद्र पर बैठते जरूर हैं, लेकिन इससे आम जनता को स्थायी लाभ नहीं मिल पा रहा।