पूर्व कैबनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ मोती सिंह की धर्मपत्नी उर्मिला सिंह ने अवध के लोक व्यंजनों पर लिखी है ख़ास किताब 

स्नातकोत्तर महाविद्यालय की पुस्तकालय में पढ़ी जा सकती है किताब

गाँव लहरिया न्यूज/डेस्क 

ऐसे समय में जबकि पूरे भारतवर्ष में फिर से मोटे अनाज जैसे-जौ, ज्वार, रागी, बाजरा, कोदो, सांवा, कुटकी, कांगनी, मक्का की पौष्टिकता को स्वीकार किया जाने लगा है। सरकार मोटे अनाजों को प्रमोट कर रही है पूर्व कैबनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ़ मोती सिंह की धर्मपत्नी उर्मिला सिंह की अवध के व्यंजनों पर लिखी ख़ास किताब “बिसरा चूल्हा बिसरे स्वाद : अवध के लोक व्यंजन”
फ़ूड सेक्टर में चर्चा का विषय बना हुआ है। बड़े बड़े शेफ इस पुस्तक से प्रेरित होकर अपने पकवान बना रहे हैं।

स्नातकोत्तर महाविद्यालय की पुस्तकालय में पढ़ी जा सकती है किताब

अवध के व्यंजनों पर लिखी ख़ास किताब को स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुस्तकालय में पढ़ा जा सकता है. गाँव लहरिया न्यूज को जानकारी देते हुए महाविद्यालय के जन सूचनाधिकारी डॉक्टर वीरेंदर कुमार मिश्र ने बताया की उर्मिला सिंह ने “बिसरा चूल्हा बिसरे स्वाद : अवध के लोक व्यंजन” पुस्तक को पट्टी क्षेत्र के विद्यार्थियों को समर्पित करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अखिलेश पाण्डेय को भेंट किया जिसे महाविद्यालय के पुस्तकालय में पढ़ा जा सकता है।

 

पुस्तक के बारे में चर्चा करते हुए प्राचार्य प्रोफेसर अखिलेश पांडे ने बताया कि पुस्तक में उड़द की दाल से बने व्यंजन, महुआ के व्यंजन ,दाल भात, चोखा,चटनी,अचार तथा अन्य बहुत सारे व्यंजनों के बारे में जिसे आज के फास्ट फूड के युग में हम भूलते जा रहे हैं उनसे परिचित कराती है।

 

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