रोजगार सहायकों व पंचायत सहायकों की नौकरी खतरे में

बेल्हा में 18 नगर पंचायतों का गठन और सीमा विस्तार से जिले की 46 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व समाप्त हो गया है। इन ग्राम पंचायतों में तैनात रोजगार सेवकों, पंचायत सहायकों की नौकरी खतरे में पड़ गई है। टाउन एरिया में यह पद सृजित नहीं हैं, ऐसे में इन कर्मचारियों का भविष्य अधर में है

रोजगार सहायकों व पंचायत सहायकों की नौकरी खतरे में

अंकित पाण्डेय/गाँव लहरिया न्यूज 

प्रतापगढ़ । बेल्हा में नवसृजित नगर पंचायतों के गठन व सीमा विस्तार के कारण जिले की 46 ग्राम पंचायतों का अस्तित्व ही समाप्त हो गया है। जिस कारण इन ग्राम पंचायतों में कार्यरत रोजगार सेवकों व पंचायत सहायकों की नौकरी भी खतरे में पड़ गयी है। अब देखना है कि इनका कही समायोजन हो पाता है।

क्या है मामला

गौरतलब हो कि जिले की कुल 1193 ग्राम पंचायते थी जिनमे से 46 ग्राम पंचायत को टाउन एरिया का हिस्सा बना दिया गया है। अब इनमें काम करने वाले रोजगार सेवकों व पंचायत सहायकों की नौकरी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बेल्हा में नई टाउन एरिया के गठन व पुरानी टाउन एरिया के सीमा विस्तार के कारण ग्राम पंचायतों की संख्या अब घटकर 1147 रह गयी है। अस्तित्व विहीन हो चुकी ग्राम पंचायतों में कार्यरत महिला मेंठ व स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाले लाभ पर भी ग्रहण लगा हुआ है। अभी तक रोजगार सहायकों को और पंचायत सहायकों को ग्राम पंचायतों से ही मानदेय मिलता था पर अब इनका कही समायोजन होगा अथवा इन्हें अपने रोजगार से हांथ धोना पड़ेगा । इसको लेकर इन लोगो मे असमंजस के हालात बने हुए है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार

इस सिलसिले में डीसी मनरेगा इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि जनपद की 46 ग्राम पंचायतों के रोजगार सेवकों व पंचायत सहायकों को समायोजित करने का कोई आदेश नही मिला है शासन से जो आदेश आएगा उसी के मुताबिक कार्यवाही की जाएगी।

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