सरकारी आदेश की खुलेआम उड़ाई जा रही धज्जियां, धड़ल्ले से बिक रही बाईपास के किनारे मांस-मछली

मंदिर और स्कूल के रास्ते खुल्ले में कटते हैं मुर्गे मछलियाँ बिखरा रहता है खून और मांस के टुकड़े

चिंताजनक है कि उक्त बिक्री स्थल से से 100 मीटर के दूरी के अंतर्गत ही नगर के 2 इंटर कॉलेज, 2 कांवेंट स्कूल, सहित काली माता और शिव जी का मंदिर भी स्थित हैं विद्यालयों के बच्चे, शिक्षक, अभिभावकों तथा मंदिर आने जाने वाली महिलाएं इत्यादि खुलेआम खून खराबा देख सहम उठते हैं तथा आंख नाक मूंद जाने को विवश हैं

गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी

प्रतापगढ़ जिले के पट्टी तहसील मुख्यालय में नगर क्षेत्र में ही जहां प्रशासनिक अधिकारियों का निवास भी है यहीं नाक के नीचे मांस मछली की पचासों दुकानें प्रतिदिन सुबह से देर शाम तक सजती हैं, और आश्चर्य की बात तो यह है कि इनमे से लगभग किसी भी विक्रेता के पास इस विषयक एफएसएसआई प्रदत्त लाइसेंस और जिला/नगर पंचायत से मिलने वाला अनुमति पत्र तक नहीं है । योगी आदित्यनाथ सरकार ने गठन के बाद से ही खुले में मांस बिक्री पर रोक हेतु शासनादेस जारी किया था जिस पर स्थानीय शासन एवं प्रशासन आंख मूंदे बैठा है । वहीं नगर में मांस मछली बिना साफ सफाई के, बिना काले कपड़े से ढके, यहां तक की बीमार मुर्गे मछली भी धड़ल्ले से खुले में बेचा जा रहा है । चिंताजनक है कि उक्त बिक्री स्थल से से 100 मीटर के दूरी के अंतर्गत ही नगर के 2 इंटर कॉलेज, 2 कांवेंट स्कूल, सहित काली माता और शिव जी का मंदिर भी स्थित हैं विद्यालयों के बच्चे, शिक्षक, अभिभावकों तथा मंदिर आने जाने वाली महिलाएं इत्यादि खुलेआम खून खराबा देख सहम उठते हैं तथा आंख नाक मूंद जाने को विवश हैं ।

स्थानीय लोगों का कहना है की मांस की वजह से भारी बदबू तथा गंदगी से पीड़ित हैं, जो संक्रमण एवं बीमारी का कारण बन रही है । इस मामले में नगर पंचायत के स्वच्छता विभाग सहित पुलिस एवं अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी सरकार द्वारा शक्तियां प्राप्त हैं किंतु सभी टांय टांय फिस्स्स हैं ।

प्रिवेंशन आफ क्रूयेल्टी टू एनिमल एक्ट 1960 के तहत अवैध तरीके से पशुओं की हिंसा करना, मांस की दुकान लगाना, यहां तक कि इन्हे पकड़ना भी निषेध है । इसमें सजा के रूप में जुर्माने सहित जेल का भी प्रावधान है तथा इसको कार्यान्वित करवाने का कार्य नगर पालिका/पंचायतों को सौंपा गया है ।

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