बाल विवाह सभ्य समाज के लिए अभिशाप है – नसीम अंसारी

तरुण चेतना द्वारा बाल विवाह पर परिचर्चा आयोजित

गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी

तरुण चेतना, वात्सल्य एवं फावा नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय बालिका दिवस अभियान 2024 के अंतर्गत भगवान दीन चौरसिया इंटर कॉलेज रामपुर बेला में बाल विवाह और इसके दुष्परिणाम पर परिचर्चा आयोजित की गयी. परिचर्चा के दौरान बालिकाओं से विभिन्न बाल विवाह की घटनाओं व कहानियों के माध्यम से बाल बिवाह के कारण शारीरिक, मानसिक आर्थिक दुष्परिणामों के बारे में चर्चा के साथ साथ बाल विवाह अधिनियम 2006 के कानूनी प्रावधानों पर चर्चा की गयी. इस अवसर पर तरुण चेतना के निदेशक नसीम अंसारी ने बताया कि इस अधिनियम के अंतर्गत बाल की उम्र 21 वर्ष के कम व बालिका की उम्र 18 वर्ष से कम उम्र पर शादी करना कानूनी अपराध है. ऐसा करने पर बाल विवाह में लिप्त माता –पिता, पंडित या मौलवी, टेंट मालिक और बाजा बजाने वाले आदि को भी 01 लाख रुपये जुर्माना और अथवा 02 साल तक की कैद हो सकती है. यदि कहीं बाल विवाह की सूचना मिले तो आप सब चाइल्ड हेल्प लाइन या 102 पुलिस को सूचना दे सकते हैं.

कार्यक्रम में मैसवा मैंन हकीम अंसारी ने कहा कि बाल विवाह की घटनाएँ उत्तर प्रदेश सहित देश के पांच राज्यों में सबसे अधिक है, जिसका प्रमुख कारन गरीबी, अशिक्षा व् जानकारी का अभाव है. इसे बिना जड़ से ख़त्म किये हम बालिकाओं के सशक्तिकरण की बात नहीं कर सकते. इसी क्रम में कलावती वर्मा ने कहा कि बाल विवाह का दुष्परिणाम हमें घरेलू हिंसा और महिलाओं द्वारा आत्म-हत्या या दहेज़ हत्या के रूप में भी अक्सर देखने को मिलता है, जो सभ्य समाज के लिए चिन्तनीय है. इसे हम सबको मिलकर जड़ से ख़त्म करना ही होगा. परिचर्चा के अंत में छात्राओं को बाल विवाह की कुछ केस स्टोरी पर चर्चा के उपरांत सभी बालिकाओं को बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई गयी. कार्यक्रम का सञ्चालन सहीद अहमद ने किया. कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य व् अध्यापक सहित तरुण चेतना के बृजलाल वर्मा, शकुंतला देवी, गार्गी पटेल आदि लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

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