बड़ी ख़बर: जगतगुरु शंकराचार्य ने खबर का लिया संज्ञान, वीडियो जारी कर सनातनियों को दिया सन्देश

गाँव लहरिया न्यूज ने प्रमुखता से दिखाई थी ख़बर

गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी

गाँव लहरिया न्यूज ने पट्टी के हनुमान मंदिर परिसर में साईं बाबा के मंदिर के स्थापित होने की खबर को प्रमुखता से दिखाते हुए मामले पर छात्र नेता/समाजसेवी सक्षम सिंह ‘योगी’ के सोशल मीडिया पर वायरल वीडिओ को दिखाया था. वायरल वीडिओ का संज्ञान लेते हुए जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मामले पर अपना वीडियो सन्देश जारी कर सनातनियों को सन्देश दिया….देखें क्या कुछ कहा वीडियो में …..

आपको बता दें की जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के गुरु ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने  2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनते ही उन्होंने शिर्डी वाले साईं का विरोध कर देश में तूफान ला दिया था. उन्होंने कहा था कि साईं की पूजा हिंदू धर्म के खिलाफ है. एक मुस्लिम की मूर्ति मंदिरों में स्थापित नहीं की जानी चाहिए मामले ने इतना तूल पकड़ा की सुप्रीम कोर्ट तक बात पहुँच गयी थी

पट्टी के सक्षम सिंह ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किया किया था हनुमान मंदिर में साईं बाबा की मूर्ती का विरोध

अब प्रतापगढ़ के पट्टी तहसील में शंकराचार्य के अनुयाई सक्षम सिंह ‘योगी’ ने पट्टी के हनुमान मंदिर प्रांगण में साईँ मंदिर के स्थापित होने पर अपना आक्रोश जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर वीडियो जारी किया और कहा हिन्दू देवी देवताओं के मंदिर मंदिर में साईँ बाबा की मूर्ती नहीं लगाई जानी चाहिए.

 

गाँव लहरिया का सवाल सवाल ये है कि बार-बार साईं बाबा के धर्म को लेकर सवाल क्यों उठते हैं. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती भी साईं बाबा के धर्म पर सवाल उठा चुके हैं. साईं बाबा के विरोधी उन्हें अक्सर चांद मिया कहा करते हैं. हाल ही में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भी साइन बाबा को चाँद मियां कह कर संबोधित किया था. शंकराचार्य के अनुयाईयों अनुसार साईं बाबा एक मुस्लिम थे और हिंंदुओं को उन्हें नहीं मानना चाहिए. ऐसे में आम जन मानस में भ्रांती है की क्या सही है और क्या गलत. धर्म सत्ता पर बैठे सनातन धर्म के चारों पीठ के शंकराचार्यों को इस बाबत एक विस्तृत दिशानिर्देश जारी करना चाहिए.

ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा के धर्म पर खड़ा किया था सवाल

2014 में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने साईं बाबा के धर्म पर सवाल खड़ा करते हुए कहा था कि वो मुसलमान थे. उनका तर्क था कि शिरडी में साईं बाबा की जो मजार बनी हुई है, उसी से उनका मुस्लिम होना साबित होता है. क्योंकि, हिंदुओं में जो समाधि दी जाती है, वह गोल आकार की होती है, जबकि मुस्लिमों में मजार लंबे आकार की होती है. उन्होंने कहा था कि साईं की जहां मजार बनाई गई है, वहां मूर्ति भी लगा दी गई है. कब्रिस्तान होने से वहां न तो सच्चा हिंदू जाता है और मूर्ति लगाने के कारण मुसलमान भी नहीं जाता. यह तमाशा नहीं तो और क्या है?

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