समाज की एकजुटता के लिए किया ‘विष्णु सहश्त्रनाम’ का पाठ
सृष्टि के संचालक व पालनकर्ता हैं 'भगवान् विष्णु' उनकी पूजा- उपासना से जीवन होगा आसान
गाँव लहरिया संवादाता
पट्टी । गुरुवार को श्री हनुमान मंदिर पट्टी के प्रांगण में श्री ‘विष्णु सहश्त्रनाम’ के पाठ का आयोजन ‘सनातन समाज” द्वारा किया गया । इस अवसर पर पंडित श्याम शंकर तिवारी ने बताया कि विष्णु सहस्रनाम एक प्राचीन स्तोत्र है जिसका शाब्दिक अर्थ भगवान विष्णु के एक हजार नामों से है। महाकाव्य महाभारत के एक भाग के रूप में विष्णु सहस्रनाम है जो संस्कृत विद्वान ऋषि व्यास द्वारा लिखा गया है। हमारी जो परंपरा है उसमे तीन देवताओं को मुख्य रूप से पूजा जाता है। ब्रह्मा जी को सृष्टि का निर्माता, शिव को विध्वंसक के रूप में जाना जाता है और भगवान विष्णु को सृष्टि का संचालक माना जाता है। विष्णु भगवान को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में जाना जाता है। इसलिए उनकी पूजा- उपासना से आपका जीवन काफी सहज एवं आसान हो जाता है।
पंडित जयनाथ त्रिपाठी ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि जो आपका पालन कर रहा है (भगवान विष्णु) उसकी पूजा करने से जीवन का निर्वाह करना और उसे आगे बढ़ा पाना बहुत आसान हो जाता है। इसलिए भगवान विष्णु की उपासना करने के कई तरीके हैं जिसमे विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नियमित रूप से विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते हैं उनके हर काम बनने लग जाते हैं और ये आपके कई लाख कष्टों को हर लेता है। लेकिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने के कई नियम बनाए गए हैं और उन्हें ध्यान में रखकर ही इसका पाठ करना चाहिए, जिससे भगवान विष्णु की कृपा दृष्टि प्राप्त हो सके।
अश्वनी कुमार दुबे ने बताया की पट्टी के समाज को इकठ्ठा करने और लोककल्याण के निहितार्थ अब से प्रत्येक गुरूवार इसी निश्चित स्थान पर पाठ का नियमित आयोजन किया जायेगा . आज आरम्भ हो गया है आगे चल कर समाज को जोड़कर एक दिन सनातन धर्म के नाम पर पाठ व् सत्संग किया जायेगा ।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से मंदिर के पुजारी पंडित कैलाश नाथ मिश्र , पुजारी पंडित दया शंकर तिवारी , पंडित विजय मिश्र ,पंडित सतीश चन्द्र तिवारी, पंडित आशीष त्रिपाठी, पंडित सूर्यमणी तिवारी, पंडित पंकज पाण्डेय, एडवोकेट प्रशान्त तिवारी, पंडित अंकित तिवारी,समेत समाज के कई धर्मप्रिय सज्जन शक्तियां उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम के संयोजक पंडित मुकेश मिश्र ने बताया कि आने वाले समय में सर्व समाज को जोड़कर समाज को सनातन संस्कृति के प्रति पुनर्जागृत किया जायेगा व् स्वजनों के कल्याणार्थ यथोचित कार्य किये जायेंगे। अगले गुरूवार को दोपहर 2 बजे पुनः यह आयोजन किया जायेगा समाज के लोगों से आग्रह है की वे पधार कर सनातन धर्म के पुनर्जागरण में सहभागी बनें ।