गरीबों के हक़ पर डाका : 5000 रूपये कमीशन लेकर अधिकारियों ने अपात्रों को आवंटित किया ‘आवास’

रामगंज आवास योजना में घोटाला! भाजपा नगर अध्यक्ष ने खुद खोली भ्रष्टाचार की पोल

गाँव लहरिया न्यूज़/रामगंज

योगी सरकार भले ही “जीरो टॉलरेंस” की दुहाई दे रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। रामगंज नगर पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है। भ्रष्टाचार की यह चौंकाने वाली परत किसी विपक्षी नेता ने नहीं, बल्कि खुद भाजपा के नगर अध्यक्ष राकेश सिंह ने उजागर की है।

नगर अध्यक्ष राकेश सिंह ने सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज पोस्ट कर तहसील प्रशासन और लेखपालों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि प्रधानमंत्री 800लोगों की आवास योजना की सूची में लगभग 700 अपात्र लोगों के नाम जोड़ दिए गए हैं, जिनसे प्रति व्यक्ति 5 हजार रुपये की वसूली की गई। आरोप है कि इन नामों को शामिल कराने के पीछे रामगंज नगर पंचायत के लेखपाल और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं की साठगांठ है।

तीन मंजिला मकान, कार, बंदूक और सरकारी नौकरी—फिर भी ‘गरीब’?

राकेश सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन लोगों को लाभार्थी बनाया गया है, उनके पास पहले से तीन मंजिला मकान, कारें, लाइसेंसी बंदूकें और सरकारी नौकरियां हैं। ऐसे में असली हकदार गरीबों को दरकिनार कर अपात्रों को लाभ पहुंचाया जा रहा है।

सरकार के खिलाफ अपने ही घर से उठी आवाज

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि भाजपा के नगर अध्यक्ष ने अपने ही दल की सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल यह है कि जब खुद सत्तारूढ़ दल के नेता भ्रष्टाचार की पोल खोल रहे हैं, तो कार्रवाई कब होगी? क्या जिम्मेदार  पर गाज गिरेगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बार-बार मंच से भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वे अपने ही पार्टी के अध्यक्ष की शिकायत पर क्या कार्रवाई करते हैं। क्या भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा या फिर इसे भी राजनीतिक रोटियां सेंकने का जरिया बना लिया जाएगा?

 

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