भारतीय सनातनी हिन्दू ‘ब्रिटेन का प्रधानमंत्री’ यह हमारे लिए गौरव का क्षण है : राम महेश मिश्रा

जिस देश ने भारत पर 200 साल राज किया आज उस देश का प्रधानमंत्री भारतीय मूल का बना

“ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल ने कहा था- ये भारतीय भारत को सँभालने के लायक नहीं हैं। वहाँ की राजनीति में सब अयोग्य बेईमान भर जायेंगे और वे भारत को बरबाद कर देंगे। आज उसी कन्जरवेटिव दल के एक भारतीय मूल के सांसद की शरण ब्रिटेन को लेनी पड़ी “

दीपावली पर्व पर जो भारतपुत्र ऋषि सुनक ब्रिटेन के प्रधानमन्त्री बने हैं, वह केवल भारतीय मूल के ही नहीं है, वरन् उनका नाम भी ऋग्वेदीयऋषि सुनक के नाम पर रखा गया है.

”क्षत्रियों की चन्द्रवंश शाखा में एक नरेश हुए सुहोत्र। सुहोत्र के पुत्र हुये विख्यात ऋषि गृत्समद, जो ऋग्वेद के दूसरे मंडल के प्रायः सभी मंत्रों के ऋषि हैं। गृत्समद के पुत्र थे- ऋषि सुनक और वह भी ऋग्वेद के मंत्रों के ऋषि हैं। इन्हीं के पुत्र थे- प्रसिद्ध ऋग्वेदी शौनक ऋृषि, जो पुराण प्रसिद्ध अठ्ठासी हजार ऋषियों के नायक थे।”

ऋषि सुनक के माता-पिता  ब्रिटेन तो गये पर भारतीय संस्कार नहीं भूले और अपने बेटे का नाम वैदिक ऋषि के नाम पर रखा। तो खुशी मनाइए कि इस समय ब्रिटेन का शासक एक भारतीय सनातनी है, एक हिन्दू है।

समय का खेल देखिये कि कभी भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम का विरोध करते हुए कन्जरवेटिव पार्टी के ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री विन्सटन चर्चिल ने कहा था- ये भारतीय भारत को सँभालने के लायक नहीं हैं। वहाँ की राजनीति में सब अयोग्य बेईमान भर जायेंगे और वे भारत को बरबाद कर देंगे। आज उसी कन्जरवेटिव दल के एक भारतीय मूल के सांसद की शरण ब्रिटेन को लेनी पड़ी है, जो एक गौप्रेमी और सुसंस्कारी खाटी हिन्दू है।

ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बनकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने संसद में भगवद गीता को साक्षी मानकर यॉर्कशायर से सांसद के रूप में शपथ ली थी। ऐसा करने वाले वह ब्रिटेन के पहले सांसद थे।ऋषि सुनक के माता-पिता दोनों भारतीय मूल के हैं। सुनक के माता-पिता फार्मासिस्ट हैं। वह 1960 के दशक में पूर्वी अफ्रीका से ब्रिटेन चले गए। सुनक के पिता यशवीर सुनक डॉक्टर थे। उनकी मां उषा सुनक एक केमिस्ट की दुकान चलाती थीं। ऋषि सुनक ने इंफोसिस प्रमुख नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है। उनकी दो बेटियों का नाम कृष्णा और अनुष्का है।

भगवद गीता अक्सर तनावपूर्ण स्थितियों के दौरान उन्हें बचाती है और उन्हें कर्तव्यपरायण होने की याद दिलाती है।

बोरिस जॉनसन की सरकार में राजकोष के चांसलर रहते हुए ऋषि सुनक ने डाउनिंग स्ट्रीट पर अपने आवास पर दिवाली के दीये जलाए। ऋषि सुनक अक्सर अपनी विरासत के बारे में बात करते हैं। वह यह बताना नहीं भूलते हैं कि उनके परिवार ने उन्हें कैसे अक्सर मूल्यों और संस्कृति के बारे में याद दिलाया।अधिकांश भारतीय परिवारों की तरह ऋषि सुनक के परिवार में शिक्षा पालन-पोषण का एक प्रमुख पहलू था। ऋषि सुनक ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली थी। वह एक पूर्व निवेश बैंकर भी हैं। ऋषि सुनक अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ अक्सर अपने ससुराल वालों से मिलने बेंगलुरु जाते रहते हैं।  ऋषि ने एक बयान जारी कर कहा था कि भगवद गीता अक्सर तनावपूर्ण स्थितियों के दौरान उन्हें बचाती है और उन्हें कर्तव्यपरायण होने की याद दिलाती है।

राम महेश मिश्रा (अध्यक्ष – भाग्योदय फाउंडेशन ) प्रसिद्द अध्यात्मिक चिन्तक वक्ता व् समाजसेवी

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