धम्मौर के भाटी गांव में राम कथा की भव्य शुरुआत कलश यात्रा से
कथा व्यास आचार्य संतोष जी महाराज (अयोध्या धाम) के श्री मुख से हो रहा कथा प्रवाह

गाँव लहरिया न्यूज़ प्रतिनिधि/अमेठी
धम्मौर क्षेत्र के भाटी गांव में सोमवार से शुरू हो रही सात दिवसीय श्रीराम कथा की पवित्र शुरुआत रविवार को कलश यात्रा के साथ हुई। यह धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा, श्रद्धालुओं की गूंज और भक्ति की झंकार से सराबोर हो उठी।कथा पंडाल से प्रारंभ हुई यात्रा में 251 पीले वस्त्रों में सजी महिलाओं ने सिर पर मिट्टी के पीले कलश धारण कर शोभायात्रा में भाग लिया। इस यात्रा की अगुवाई इंटर कॉलेज कालिकनधाम के प्रधानाचार्य व मुख्य यजमान आर.पी. सिंह ने की, जिन्होंने सिर पर श्रीराम कथा पुराण धारण किया हुआ था।शोभायात्रा गांव के पवित्र स्थलों से होती हुई हनुमान पूजन स्थल पहुंची, जहाँ विधिवत पूजन के बाद श्रीराम के जयकारों के साथ कथा पंडाल वापस लौटी। इस दौरान महिलाएं भक्ति में लीन होकर राम गीतों का गायन करती रहीं, वहीं युवा वाद्य यंत्रों की ताल पर भक्ति नृत्य करते रहे।कथा के पहले दिन कथा व्यास आचार्य संतोष जी महाराज (अयोध्या धाम) ने भगवान श्रीराम के नाम की महिमा का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। उन्होंने कहा कि “राम का नाम स्वयं राम से भी बड़ा है।” उन्होंने बताया कि जन्म से लेकर मृत्यु तक, हर शुभ-अशुभ अवसर पर राम नाम का उच्चारण होता है—सोहर से लेकर शव यात्रा तक। यह नाम सभी वर्गों—ऋषि-मुनि, राजा-महाराजा, गरीब-अमीर—द्वारा स्मरण किया जाता है।आचार्य संतोष महाराज ने कलश यात्रा को कथा आयोजन की शुभ और पवित्र शुरुआत बताते हुए इसे भारतीय धार्मिक परंपराओं का महत्वपूर्ण अंग बताया। उन्होंने कहा कि राम कथा सुनने से मनुष्य का जीवन मर्यादित होता है, पारिवारिक समस्याएं दूर होती हैं और समाज में सम्मान मिलता है।कथा के प्रथम दिन क्षेत्रीय महिलाओं, पुरुषों और प्रमुख जनप्रतिनिधियों की भारी उपस्थिति रही। मुख्य यजमान आरपी सिंह व उनके परिवार के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण का लाभ उठाया।