कला और संस्कृति के क्षेत्र में रोजगार के अनगिनत अवसर : डॉ शिवानी मातनहेलिया

स्नातकोत्तर महाविद्यालय पट्टी प्रतापगढ़ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर संपन्न हुई संगोष्ठी
गाँव लहरिया न्यूज/पट्टी
“आज का युवा यदि नौकरी का सपना देखना छोड़कर अपने आसपास की कलाओं और संस्कृतियों में रोजगार ढूंढे तो एक नौकरी से 30 दिन में 1 लाख कमाने वाले व्यक्ति से कहीं ज्यादा कमा सकता है. यदि युवा पीढ़ी गीत – संगीत, वादन, नृत्य,कढ़ाई बुनाई,सिलाई तथा खेती, बागवानी, मत्स्य पालन आदि अनेकों अन्य ऐसी परम्परागत कलाएं और हमारी सांस्कृतिक विरासत में अपने को पारंगत करें तो नौकरी से कमाने वाले व्यक्ति को पीछे छोड़ देगा. उक्त उक्त बातें स्थानीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पट्टी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डॉक्टर शिवानी मातनहेलिया ने कहीं उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय द्वारा उसके लिए अनुदान भी दिया जाता है. साहित्य अकादमी ललित कला नाटक अकादमी से जुड़कर आप सब छात्रवृत्ति पाकरअपने को निपुण बना सकते हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत जो रोजगार पाठ्यक्रम लागू किए गए हैं वह युवा पीढ़ी को आत्मनिर्भर बनाने की तरफ एक बड़ा कदम है.
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर अखिलेश पाण्डेय ने हिंदी दिवस के अवसर पर उपस्थित लोगों को शुभकामनाएं दिया. कहा कि 21वीं सदी में रोजगार की एक बड़ी चुनौती युवाओं के सामने है. आज अगर युवा पीढ़ी खुद के हुनर को तरासे और लोक कलाओं, सांस्कृतिक धरोहरों में ज्ञान प्राप्त कर उसको आगे बढ़ाएं तो उसमें भी बहुत सारी सम्भावनाएं है.
कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए महाविद्यालय के जन सूचना अधिकारी डॉक्टर वीरेंद्र कुमार मिश्रा ने गाँव लहरिया को बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण तथा पूजन करके हुआ . संगोष्ठी का संचालन डॉक्टर मिथिलेश त्रिपाठी ने किया. संगोष्ठी का आयोजन डॉ बृजेश पांडे ने किया. अतिथियों के प्रति आभार डॉक्टर अनिल यादव ने व्यक्त किया. कार्यक्रम में डॉक्टर केपी सिंह, डॉक्टर आर बी अग्रहरि, डॉक्टर दिलीप सिंह डॉक्टर सुनील मिश्रा डॉक्टर रागिनी सोनकर सहित सभी प्राध्यापक उपस्थित रहे.