कुंडा की कलह से दुखी हैं राजा समर्थक, जल्द सब ठीक होने की कर रहे उम्मीद
आखिर क्यूँ भाभी रानी हो गई देवर गोपाल जी के खिलाफ

कंपनी के मामलों से मुझे बेदखल करने, धोखा देने और पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के उद्देश्य से साजिश रची: रानी भानवी
गाँव लहरिया न्यूज/ मानवेन्द्र प्रताप सिंह’माना’
प्रतापगढ़ः कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी भानवी ने उनके छोटे भाई जैसे दोस्त अक्षय प्रताप सिंह पर संगीन आरोप लगाए हैं। भानवी की ओर से लगाए गए धोखाधड़ी के इस आरोप के बाद राजा भैया और अक्षय प्रताप सिंह के परिवार की तीन पुश्तों से चली आ रही दोस्ती पर भी संकट आ गया है। हालांकि, राजा भैया ने इस लड़ाई में साफतौर पर कह दिया है कि वह अपनी पत्नी नहीं, छोटे भाई अक्षय प्रताप सिंह के साथ हैं।अक्षय प्रताप सिंह राजा भैया के सबसे करीबी लोगों में गिने जाते हैं। वो भी ऐसे करीबी जिसके लिए खुद राजा भैया ‘छोटे भाई’ जैसे संबोधन का इस्तेमाल करते हैं। इस पूरे घटना से राजा समर्थक काफी दुखी है और जल्द सब ठीक होने की उम्मीद कर रहे हैं ।
गोपल जी पर क्या है आरोप?
भानवी सिंह ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कराने के बाद आरोप लगाया है कि उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर के जरिए कंपनी के शेयर हथिया लिए हैं। इतना ही नहीं, ऐसा करके न सिर्फ उन्होंने अपने साथियों को कंपनी के अहम पदों पर बैठा दिया है बल्कि उन्हें कंपनी से बाहर करने की भी साजिश रची है। यह पूरा मामला श्री दा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है, जिसके बारे में भानवी का दावा है कि वह इसकी निदेशक होने के साथ-साथ बहुसंख्यक शेयरधारक भी हैं।
आखिर क्यूँ भाभी रानी हो गई देवर गोपाल के खिलाफ
भानवी सिंह ने दिल्ली में दर्ज कराए गए एफआईआर में अक्षय प्रताप पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इंद्र देव पटेल, उमेश कुमार निगम, हरिओम शंकर श्रीवास्तव और अन्य की मदद से कंपनी के दस्तावेजों का पता लगाया गया है। इसमें चार्टर्ड एकाउंटेंट से भी मदद ली गई है। भानवी ने दावा किया है कि अक्षय प्रताप ने कंपनी श्री दा प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से संबंधित अचल और चल संपत्तियों को हड़पने के इरादे से काम किए हैं और अपने सहयोगियों को कंपनी के निदेशक के रूप में गलत तरीके से, धोखे से और दुर्भावनापूर्ण इरादे से नियुक्त किया है। इसके लिए उनके जाली हस्ताक्षर और फर्जी दस्तावेजों को प्रयोग में लाया गया है। इतना ही नहीं, भानवी ने यह भी कहा है कि अक्षय प्रताप और उनके साथियों ने मिलकर मुझे कंपनी से बेदखल करने का प्रयास किया। निदेशक के रूप में नियुक्तियों को प्रभावी बनाने के लिए प्रयास किए। कंपनी के मामलों से मुझे बेदखल करने, धोखा देने और पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के उद्देश्य से साजिश रची।भानवी के इन गंभीर आरोपों ने लखनऊ से लेकर प्रतापगढ़ तक हलचल मचा दी है।